पेगासस जासूसी मामला: सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए बनाएगा एक्सपर्ट कमेटी, अगले हफ्ते ऐलान संभव

By विनीत कुमार | Published: September 23, 2021 11:54 AM2021-09-23T11:54:07+5:302021-09-23T12:36:49+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अगले हफ्ते आदेश पारित करेगा।

Pegasus snooping row Supreme Court says is setting up Technical Expert Committee to inquire | पेगासस जासूसी मामला: सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए बनाएगा एक्सपर्ट कमेटी, अगले हफ्ते ऐलान संभव

पेगासस मामले की जांच के लिए बनेगी एक्सपर्ट कमेटी (फाइल फोटो)

Highlightsपेगासस जासूसी मामले पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट गठित कर सकती है कमेटी।चीफ जस्टिस एनवी रमण ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान इसका जिक्र किया।सुप्रीम कोर्ट कमेटी के सदस्यों सहित औपचारिक आदेश अगले हफ्ते दे सकता है।

नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने की बात कही है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले की जांच के लिए टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी बनाएगा। कोर्ट ने गुरुवार को ये बात कही। इस संबंध में औपचारिक आदेश अगले हफ्ते जारी किए जा सकते हैं।

दरअसल, एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमण ने एक वकील से कमेटी बनाए जाने की बात कही। चीफ जस्टिस ने कहा, 'हम इस सप्ताह से पहले इस मामले पर एक आदेश पारित करना चाहते थे...लेकिन कुछ सदस्यों के साथ हम समिति (पेगासस मामले पर) बनाने पर विचार कर रहे थे ....कुछ व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। इसलिए देरी हो रही है। हम अगले हफ्ते पेगासस पर एक आदेश जारी करने की कोशिश करेंगे।'


बता दें कि शीर्ष कोर्ट पेगासस जासूसी आरोपों की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि इस इजरायली स्पाइवेयर की मदद से देश में विपक्षी नेताओं सहित बिजनेसमैन, पत्रकारों और अन्य पर अवैध रूप से निगरानी रखी गई। 

इस मामले में 13 सितंबर को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली एक पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया था। इस मामले पर केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट से कहा गया था कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। साथ ही केंद्र ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देते हुए कहा था कि वह याचिकाओं के जवाब में विस्तृत हलफनामा दायर नहीं करेगी।

वहीं, कोर्ट ने कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं?

पीठ ने कहा था, 'कानून के तहत स्थापित एक प्रक्रिया है जो फोन सुनने की भी अनुमति देती है। आपके रुख को समझने के लिए हमें आपका हलफनामा चाहिए था। हम इससे आगे कुछ और नहीं कहना चाहते।' 

पीठ ने यह भी कहा कि अगर सरकार किसी जासूसी सॉफ्वेयर का उपयोग करती है तो यह कानून के तहत स्थापित प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए। 

गौरतलब है कि हाल में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। दरअसल पेगासस की मालिकाना हक रखने वाली कंपनी एनएसओ कह चुकी है वह अपने सॉफ्टवेयर केवल देश की सरकारों को बेचती है।

Web Title: Pegasus snooping row Supreme Court says is setting up Technical Expert Committee to inquire

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