पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव सियासी रंग में रंगा, बीजेपी MLA इस वजह से थाने में धरने पर बैठे
By एस पी सिन्हा | Published: December 4, 2018 06:26 PM2018-12-04T18:26:59+5:302018-12-04T18:26:59+5:30
चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पटना विश्वविद्यालय के वीसी से मुलाकात का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव धीरे-धीरे पूर्णतः राजनीतिक पार्टियों का चुनाव होता जा रहा है। अब पूरी तरह से सियासी रंग में रंग चुका है। मामला भले ही घर का है, लेकिन अब भाजपा के नेता इस मुद्दे को लेकर जदयू और सरकार दोनों पर दबाव बनाने लगे हैं।
चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पटना विश्वविद्यालय के वीसी से मुलाकात का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां भाजपा के कई नेता-विधायक राजधानी के पीरबहोर थाना में धरना दे रहे हैं। वहीं, अब इस लड़ाई में केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी उतर गये हैं।
कुशवाहा ने ट्वीट कर प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर का नाम नहीं लिया है। पटना के पीरबहोर थाने के बाहर धरने पर बैठे भाजपा विधायकों का आरोप है कि सोमवार को हुई घटना के बाद प्रशासन ने जबरन उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।
भाजपा के इस धरना की कमान बांकीपुर से विधायक और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नितिन नवीन ने संभाली है। इस धरना में विधायक नीतिन नवीन, अरुण सिन्हा, संजीव चौरसिया समेत कई नेता मौजूद हैं। भाजपा विधायकों की मांग हैं उनके निर्दोष सहयोगियों को प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाये। जब तक उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा, धरना समाप्त नहीं होगा।
विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि की प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हुए हमले पर सभी की भूमिका की जांच हो। उस वक्त और भी छात्र संघ के नेता मौजूद थे। पुलिस वीडियो देख यह निर्णय करे कि हमला किसने किया है। पुलिस बेवजह एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया है।
विधायक नितिन नवीन का स्पष्ट कहना है कि छात्र संघ चुनाव में बाहरी नेताओं का हस्तक्षेप बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रशांत किशोर का कैंपस में आना कानून का विरोध करना है और इसलिए कानून के तहत प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार का काम सोमवार की शाम पांच बजे समाप्त हो गया। नियमों के मुताबिक, विश्वविद्यालय परिसर में आचार संहिता लगी हुई है। इसके अनुसार किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता विश्वविद्यालय परिसर में नहीं जा सकता है। लेकिन इन नियमों को दरकिनार करते हुए प्रशांत किशोर सोमवार देर शाम पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंच गये।
इस दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी के सलाहकार प्रोफेसर राम शंकर आर्य भी मौजूद थे। कुलपति से जदयू नेता प्रशांत किशोर की मुलाकात की सूचना मिलने पर छात्र आक्रोशित हो गये। कुलपति आवास से प्रशांत किशोर के बाहर निकलते ही उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनकी गाड़ी पर छात्रों ने पत्थर भी फेंका। प्रशांत किशोर की गाडी के शीशे टूट गये। इस दौरान धरने पर बैठे कुछ छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।