लोजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन, चिराग समर्थकों ने पशुपति पारस सहित पांच सांसदों के पोस्टरों पर कालिख पोती
By एस पी सिन्हा | Published: June 16, 2021 08:44 PM2021-06-16T20:44:16+5:302021-06-16T20:47:11+5:30
लोक जनशक्ति पार्टी में मची घमसाना के बीच चिराग पासवान के समर्थकों ने मंगलवार को पटना में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर धावा बोल दिया और पशुपति कुमार पारस सहित पांच सांसदों के पोस्टरों पर कालिख पोत दी.
पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर कब्जे को लेकर शुरू हुई सियासी लड़ाई अब राजधानी पटना की सड़कों पर भी देखने को मिली.
पार्टी पर कब्जा जमाने को लेकर चाचा और भतीजे के बीच जारी जंग में दोनों के समर्थक आमने-सामने दिखे. पटना एयरपोर्ट पर जब पशुपति कुमार पारस और सूरजभान सिंह पहुंचे तो उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. सैकड़ों की संख्या में आए इनके समर्थकों के आगे मुट्ठी भर चिराग समर्थकों की एक न चली. विरोध की मंशा पाले चिराग समर्थक डर के मारे एयरपोर्ट पर विरोध भी नहीं कर सके.
काला झंडा दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन
वह केवल काला झंडा दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे. दिल्ली से पटना पहुंचे पारस सीधे प्रदेश कार्यालय पहुंचे और वहां चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा कि लोजपा में एक नेता-एक पद का सिद्धांत है. इसी आधार पर चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि चिराग ने जो बातें कही है वो पूरी तरह से गलत है.
चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया
जब लोकसभा अध्यक्ष ने हमें लोकसभा में पार्टी का नेता घोषित कर दिया तो पार्लियामेंट्री बोर्ड क्या होता है? चिराग पासवान एक साथ पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष, सदन में नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे, जो पूरी तरह से गलत था. पार्टी संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि एक नेता-एक पद धारण करेगा. पारस ने कहा कि लोजपा की बैठक में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है.
अब कल गुरुवार को लोजपा की बैठक होगी, जिसमें तय होगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? वहीं, सूरजभान सिंह ने कहा कि अगर चिराग पासवान को सद्बुद्धि आ जाए तो वह कल की बैठक में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि चिराग की लोजपा अभी भी है, बशर्ते वह मान लें कि थोडे़ दिन पार्टी का नेतृत्व चाचा पारस करेंगे. उन्होंने कहा कि वह सब को जोड़ना चाहते हैं ना कि तोड़ना.
चिराग समर्थक और पारस समर्थक आमने-सामने
चिराग पासवान ने इतने दिनों तक पार्टी चलाई और अब अगर चाचा पशुपति पारस पार्टी चलाना चाहते हैं तो इसमें उन्हें एतराज नहीं होना चाहिए. इसबीच पटना एयरपोर्ट से निकलकर लोजपा कार्यालय पहुंचने के दौरान चिराग समर्थकों की तरफ से इन नेताओं को काला झंडा दिखाया गया. उनके काफिले को काला झंडा दिखाये जाने के बाद चिराग समर्थक और पारस समर्थक आमने-सामने आ गए हैं.
हालांकि पारस के समर्थक चिराग के समर्थकों पर संख्या में भारी पड़ते दिखे. चर्चा रही कि पशुपति कुमार पारस का स्वागत करने के लिए सूरजभान ने अपने लोगों को सड़क पर उतार दिया था. चिराग के कुछ समर्थकों ने विरोध भी दर्ज किया, लेकिन पारस समर्थकों की भारी हुजूम की वजह से चिराग समर्थकों की एक न चली.
पशुपति पारस मुर्दाबाद के नारे लगाये
इस तरह से चिराग पासवान का गुट प्रदेश कार्यालय में पशुपति कुमार पारस को घुसने से रोकने में विफल गया और पूरी प्लानिंग फेल कर गई. सूत्रों की अगर मानें तो चिराग पासवान का गुट पारस और सूरजभान सिंह के विरोध की पूरी तैयारी की थी. कुछ लोगों को जुटाया भी गया था. लेकिन जिस तरह की तैयारी सूरजभान सिंह की तरफ से की गई थी, उसमें चिराग समर्थकों की हवा निकल गई.
हालांकि प्रदेश कार्यालय के समीप चिराग समर्थकों ने पारस का रास्ता रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों तरफ के समर्थक उलझ गये. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. फिर सारे चिराग समर्थक जो काला झंडा दिखा रहे थे वे भाग खडे़ हुए. हालांकि इस दौरान चिराग समर्थकों ने जोर-जोर से पशुपति पारस मुर्दाबाद के नारे लगाये.
अमर आजाद को पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया
चिराग समर्थकों ने कहा कि वे पशुपति पारस के हाथ में पार्टी का कमान नहीं जाने देंगे. उन्हें पशुपति पारस का नेतृत्व स्वीकार नहीं है. उनके नेता चिराग पासवान ही हैं क्योंकि चिराग पार्टी को संवैधानिक तरीके से चलाना चाहते हैं. वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के प्रत्याशी रहे व पार्टी के प्रवक्ता अमर आजाद को पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
अमर आजाद को पटना पुलिस एयरपोर्ट थाने ले गई. अमर आजाद ने कहा कि वह चिराग पासवान के साथ हैं. चिराग पासवान का नेतृत्व उन्हें स्वीकार है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान के पिता ने इस पार्टी को और अपने भाइयों को यहां तक लाया है. आज पशुपति कुमार पारस पार्टी और परिवार के साथ गद्दारी कर रहे हैं. पार्टी मां होती है और पशुपति पारस ने मां के साथ धोखा किया है.