पटना हाईकोर्ट की अनूठी पहल- तीन माह तक कोरोना की जंग लड़ रहे योद्धाओं की मदद करने के शर्त पर बिल्डर को दे दी जमानत
By एस पी सिन्हा | Published: May 30, 2020 08:50 PM2020-05-30T20:50:00+5:302020-05-30T20:51:34+5:30
बिल्डर खालिद रशीद के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक मामला चल रहा था. उपभोक्ता को समय पर अपार्टमेंट में फ्लैट मुहैया नहीं कराए जाने के मामले में बिल्डर के ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं.
पटना: कोरोना महामारी के इस दौर में पटना हाईकोर्ट ने एक अनोखी पहल की है. समय पर फ्लैट नहीं देने के मामले पर जमानत देने का नया तरीका ईजाद किया. पटना हाइकोर्ट ने बिल्डर खालिद राशिद को इस शर्त पर जमानत दी कि वह तीन माह तक कोरोना की जंग लड़ रहे योद्धाओं की मदद करेंगे. हाईकोर्ट ने बिल्डर खालिद रशीद को इसी शर्त के साथ जमानत दी है.
दरअसल, बिल्डर खालिद रशीद के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक मामला चल रहा था. उपभोक्ता को समय पर अपार्टमेंट में फ्लैट मुहैया नहीं कराए जाने के मामले में बिल्डर के ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं. लेकिन हाईकोर्ट से जब इन्होंने जमानत की मांग की तब कोर्ट ने या अनोखी सर्त सामने रख दी. कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी कि वह तीन माह तक कोरोना की जंग लड़ रहे योद्धाओं की मदद करेंगे.
जमानत याचिका पर जस्टिस डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय ने सुनवाई की. 28 मई, 2020 को अदालत के निर्देशानुसार बिल्डर खालिद राशीद ने राजधानी के सिविल सर्जन डॉ राज किशोर चौधरी के समक्ष योगदान दिया. उन्हें जिला प्रतिरक्षण टीम के साथ सम्बद्ध कर दिया गया है. बताया जाता है कि पटना के फ्रेजर रोड स्थित ट्रेड सेंटर के अमीना कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एम डी खालिद राशीद ने अपार्टमेंट का एक फ्लैट कुमारी प्रियंका को बेचा था.
पूरे पैसे मिलने के बावजूद प्रियंका को फ्लैट नहीं मिल सका. फिर, उन्होंने बिल्डर के विरुद्ध पटना के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया. नवंबर, 2019 में सीजेएम, पटना ने बिल्डर खालिद राशिद को जेल भेज दिया. उक्त मामलें में खालिद राशीद ने पटना हाइकोर्ट के समक्ष निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर किया था.