पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई कड़ी फटकार, कहा- सड़क पर पड़े-पड़े मर रहे हैं लोग और आप...

By एस पी सिन्हा | Published: May 4, 2021 07:01 PM2021-05-04T19:01:16+5:302021-05-04T19:01:16+5:30

कोर्ट राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है।

Patna High Court slammed Bihar government after increasing coronavirus cases day by day in state | पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई कड़ी फटकार, कहा- सड़क पर पड़े-पड़े मर रहे हैं लोग और आप...

(फाइल फोटो)

Highlightsसरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगाने का फैसला ले लिया है। बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक डाउलॉन लागू करने का निर्णय लिया गया।कोर्ट ने सरकार को कोरोना पर एक विस्‍तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

बिहार में बेकाबू होते जा रहे कोरोना संक्रमण की स्थिती को देखते हुए सरकार ने राज्य में 15 मई तक लॉकडाउन लगा तो दिया है, लेकिन आज पटना हाईकोर्ट ने एक बार फिर से राज्य सरकार को फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बिहार में स्थिति में सुधार नहीं है। 

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने काफी तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में तो राज्‍य में कोविड प्रबंधन की जिम्‍मेदारी सेना को सौंप देनी चाहिए। इस टिप्‍पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई छह मई तक के लिए स्‍थगित कर दी। अब इस मामले में सुनवाई छह मई को होगी। हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार को दो दिन के अंदर कोरोना पर एक विस्‍तृत रिपोर्ट देने को कहा है। 

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए मौखिक रूप से कहा कि 15 अप्रैल से आदेश पर आदेश दिया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी 15 से 30 अप्रैल तक लोगों का मरना बदस्तूर जारी रहा। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने क्या किया? बिहार में स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है। कोर्ट ने कहा कि क्यों नहीं पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की मदद लें? 

सुनवाई के दौरान राज्‍य सरकार ने पटना हाईकोर्ट को प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ को राज्‍य सरकार ने बताया कि पूरे बिहार में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन इस दौरान कोर्ट ने कोरोना नियंत्रण के हालात पर नाराजगी व्‍यक्‍त करते हुए यहां तक कहा कि हमारी नजर में आप लोग फेल हो रहे हैं तो क्‍यों नहीं सेना को बिहार की कोविड प्रबंधन की जिम्‍मेदारी सौंप दी जाए? 

ऑब्जर्वेशन के दौरान ये सवाल उठाया गया था, जिस पर सरकार ने अपना पक्ष रखा कि आप किस आधार पर कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सेना को देने की बात कर रहे हैं? अगर यहां जमीनी हकीकत सही है तो क्या आप ये जिम्मेदारी सेना को सौंप सकते हैं?" अंत में अदालत ने कहा कि अभी इस विषय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पहले आप अपनी सारी डिटेल सौंप दें। उसके बाद इस पर विचार किया जायेगा। इस दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि अभी उन्हें डिटेल फाइल करने के लिए कहा गया है। इसके लिए उनके पास कल तक का समय है छह मई को इस पर आगे की कार्यवाही होगी।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते बिगडते हालात पर पटना हाईकोर्ट ने कडा एतराज जताते हुए राज्य सरकार से पूछा था कि लॉकडाउन लगाने की क्या तैयारी है? कोर्ट ने सरकार से आज जवाब देने को कहा था। कल भी न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से सरकार के सिस्टम को फ्लॉप बताते हुए महाधिवक्ता से कहा था कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है। 

ऐसे में डाउलॉन लगाने का फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा है। कोर्ट की इस तल्ख़ टिप्पणी के बाद सरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगाने का फैसला ले लिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि "कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक डाउलॉन लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह को कार्रवाई करने हेतू निदेश दिया गया है।"

Web Title: Patna High Court slammed Bihar government after increasing coronavirus cases day by day in state

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे