पटना हाईकोर्ट शताब्दी भवनः सीजेआई बोबडे ने किया उद्घाटन, सीएम नीतीश बोले-न्यायपालिका की भूमिका अहम

By एस पी सिन्हा | Published: February 27, 2021 05:56 PM2021-02-27T17:56:13+5:302021-02-27T19:27:31+5:30

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले साल कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौती का सामना करने में न्यायपालिका की भूमिका पर संतोष व्यक्त किया।

Patna High Court Shatabdi Bhavan Chief Justice of India Justice Sharad Arvind Bobde cm nitish kumar role of judiciary important | पटना हाईकोर्ट शताब्दी भवनः सीजेआई बोबडे ने किया उद्घाटन, सीएम नीतीश बोले-न्यायपालिका की भूमिका अहम

पटना हाई कोर्ट के नए भवन का शिलान्यास फरवरी 2014 में हुआ था। (file photo)

Highlightsसोशल मीडिया पर किसी के लिए भी शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए।इस साल 31 जनवरी तक देशभर में डिजिटल रूप से सुने जाने वाले मामलों की संख्या 76.38 लाख थी।24.55 लाख मामलों पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में, अन्य 51.83 लाख मामलों पर जिला अदालतों में और 22,353 मामलों पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई।

पटनाः भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया।

इस दौरान उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित कई गणमान्‍य मौजूद रहे। इस मौके पर नीतीश कुमार ने न्यायपालिका से यह कहा कि प्रार्थना करेंगे कि ट्रायल का काम तेजी से चलता रहे। अपराध पर नियंत्रण के लिए यह महत्वपूर्ण है, विधायिका कानून तो बना सकती है, पर सबसे बड़ी भूमिका न्यायपालिका की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से जो भी प्रस्ताव आयेगा हम तुरंत उसे स्वीकार करेंगे। हम वचन देते हैं कि जब तक हम पद पर हैं कोई कमी नहीं होने देंगे। प्रस्ताव चाहे भवन निर्माण का हो, नियुक्ति का या फिर अन्य जरूरतों को उसे तत्काल अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में जब उन्हें बिहार में काम करने की जिम्मेवारी दी गई तो अपराध के मामले में ट्रायल होने की पटना उच्च न्यायालय के स्तर पर मॉनीटरिंग की गई. तेजी से ट्रायल हुआ, न्यायाधीशगण को जिस जिले की जिम्मेवारी थी, उस पर उन्होंने नजर रखा।

अपराधियों को सजा मिलनी शुरू हुई

न्यायालय ने काम किया और अपराधियों को सजा मिलनी शुरू हुई। बिहार में अपराध की संख्या में कमी आई। कानून का राज केवल सरकार की जिम्मेवारी नहीं। सभी का काम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शताब्दी भवन का शुभारंभ हुआ है, नये भवन का उद्घाटन तो पिछले साल ही हो जाता, लेकिन कोरोना की वजह से नहीं हो सका।

इस कोर्ट में सिर्फ 7 जज थे

इस भवन के शिलान्यास के समय ही यह बात हुई थी कि एडवोकेट एसोशिएसन के बैठने के लिए भी जगह मिले तो तुरंत वो भी मिल गई है और काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय काफी महत्वपूर्ण है, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा का भी इस कोर्ट से रिश्ता रहा है. पहले तो इस कोर्ट में सिर्फ 7 जज थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के साथ न्यायपालिका बेहतर ढंग से काम करती रहेगी। किसी भी सही आदमी के प्रति अन्याय नहीं हो और गड़बड़ करने वाला आदमी नहीं बचे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से यह भी कहा कि अगर मौका मिले तो पटना में बने अंतरराष्ट्रीय बिहार संग्रहालय को देख लें।

सशक्त न्यायपालिका काफी जरूरी

उन्होंने कहा कि सशक्त न्यायपालिका काफी जरूरी है। कोर्ट के हाथ में अधिकार है वो ऐसा ही चलते रहे ताकी बेगुनाह लोग बचें और अपराधियों को सजा मिले। नीतीश कुमार ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ सरकार का काम नहीं, कोर्ट की भी जिम्मेदारी है, उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार की बात नहीं है, विधायिक कानून बना सकता है. लेकिन सबसे बडी भूमिका न्यायपालिका की है।

वहीं, कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि आज मैं जीवन में जो भी कुछ कर पाया हूं, जो भी बन पाया हूं। उसमें पटना हाईकोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका है, उन्‍होंने कहा कि उनके कई वर्ष यहीं गुजरे हैं। केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता जताई।

सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर हैं

उन्‍होंने कहा कि आज कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर हैं, एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से जजमेंट चाहते हैं। मन-मुताबिक फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, भारत स्वतंत्र राष्ट्र है, यहां बोलने की आजादी है. लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है।

यहां बता दें कि पटना हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग के बिल्कुल बगल में ही नए भवन का निर्माण कार्य किया गया है। मुख्य न्यायाधीश बोबडे के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के 3 जज न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता भी आज के कार्यक्रम में शामिल हुए।

नए भवन का शिलान्यास फरवरी 2014 में हुआ था

पटना हाई कोर्ट के नए भवन का शिलान्यास फरवरी 2014 में हुआ था। इस भवन का निर्माण 203 करोड़ से ज्यादा की राशि से कराया गया है। इसमें 43 कोर्ट रूम और 57 चैंबर्स के अलावे दो बड़ी लाइब्रेरी और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। हाईकोर्ट के इस नए भवन के उद्घाटन के बाद जजों के साथ साथ वकीलों को भी नई सुविधाएं मिलेंगी।

नए भवन का निर्माण कराया गया

हाई कोर्ट के मुख्य भवन के थी कि पूर्व इस नए भवन का निर्माण कराया गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे शुक्रवार की शाम ही पटना पहुंचे थे। शुक्रवार को उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चौहान से शिष्टाचार मुलाकात की थी, राजभवन में ही उन्होंने रात्रि विश्राम किया और आज कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह वापस दिल्ली लौट गये।

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हाईकोर्ट के सभी जज इस मौके पर मौजूद रहे. साथ ही झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा भी पटना हाईकोर्ट शताब्‍दी भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल रहे।

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