मरीज को निवास प्रमाण पत्र के आधार पर अस्पताल में भर्ती से इनकार नहीं किया जा सकता : न्यायालय

By भाषा | Published: May 3, 2021 01:34 AM2021-05-03T01:34:16+5:302021-05-03T01:34:16+5:30

Patient cannot be denied hospitalization on the basis of residence certificate: Court | मरीज को निवास प्रमाण पत्र के आधार पर अस्पताल में भर्ती से इनकार नहीं किया जा सकता : न्यायालय

मरीज को निवास प्रमाण पत्र के आधार पर अस्पताल में भर्ती से इनकार नहीं किया जा सकता : न्यायालय

नयी दिल्ली, दो मई उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर कोविड-19 महामारी की लहर के मद्देनजर अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की राष्ट्रीय नीति बनाए।

इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किसी भी मरीज को स्थानीय निवास प्रमाण पत्र नहीं होने के आधार पर कोई भी राज्य अस्पताल में भर्ती करने या आवश्यक दवा मुहैया कराने से इनकार नहीं कर सकता है।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र और राज्यों को यह निर्देश भी दिया कि वह अधिसूचना जारी करे कि सोशल मीडिया पर सूचना रोकने या किसी भी मंच पर मदद मांग रहे लोगों का उत्पीड़न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर रविवार को अपलोड किए गए फैसले की प्रति के मुताबिक, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार सभी मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और पुलिस आयुक्तों को अधिसूचित करे कि सोशल मीडिया पर किसी भी सूचना को रोकने या किसी भी मंच पर मदद की मांग कर रहे लोगों का उत्पीड़न करने पर यह अदालत अपने न्यायाधिकार के तहत दंडात्मक कार्रवाई करेगी।’’

पीठ ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को भी निर्देश दिया कि वह इस फैसले की प्रति देश के सभी जिलाधिकारियों को भेजे।

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Web Title: Patient cannot be denied hospitalization on the basis of residence certificate: Court

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