चीन से जारी तनाव के बीच लद्दाख के अग्रिम चौकियों पर जाएगी संसदीय समिति, लोकसभा अध्यक्ष ने दी अनुमति

By अनुराग आनंद | Published: October 13, 2020 06:53 PM2020-10-13T18:53:15+5:302020-10-13T18:53:15+5:30

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पब्लिक अकाउंट कमेटी (पीएसी) के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की मांग पर संसदीय समिति को लद्दाख दौरा की अनुमति दी है।

Parliamentary committee to go to Ladakh's forward posts amid tension from China, Lok Sabha Speaker gave permission | चीन से जारी तनाव के बीच लद्दाख के अग्रिम चौकियों पर जाएगी संसदीय समिति, लोकसभा अध्यक्ष ने दी अनुमति

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के साथ पीएसी के सदस्य सांसद लद्दाख का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे। कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव ने चीन के साथ वार्ता की।वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी ने भी इस बैठक के दौरान चीनी प्रतिनिधिमंडल की तरफ से हिस्सा लिया।

नयी दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के कई सारे जगहों पर चीन व भारतीय सेना के बीच जारी तनाव के बावजूद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसदीय समिति को इन क्षेत्रों में दौरे की अनुमति दे दी है। 

एचटी रिपोर्ट की मानें तो पिछले माह संसदीय समिति पब्लिक अकाउंट कमेटी (पीएसी )की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कुछ सांसदों के साथ लद्दाख क्षेत्र का दौरा करने, वहां तैनात जवानों के साथ बातचीत करने और उनके कामकाज की स्थितियों और आवश्‍यकताओं को समझने के लिए यात्रा की अनुमति मांगी थी।

इसी पत्र के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ने इस संसदीय समिति को पीएसी के सदस्य सांसदों के साथ लद्दाख के फॉरवर्ड पोस्ट पर जाने की अनुमति दे दी है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, सभी सांसद 28-29 अक्टूबर को लेह की यात्रा कर सकते हैं।

India-China military commanders

चीन व भारत के बीच सोमवार को सातवें दौर की सैन्य वार्ता हुई-

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के समाधान के लिए भारत ने सोमवार को चीन के साथ सातवें दौर की सैन्य वार्ता में बीजिंग से अप्रैल पूर्व की यथास्थिति बहाल करने और विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा। सरकारी सूत्रों ने यह बात कही। 

उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की वार्ता दोपहर लगभग 12 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल क्षेत्र में भारतीय इलाके में हुई और रात साढ़े आठ बजे के बाद भी जारी रही। सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है और विवाद का जल्द समाधान होने के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है।

वार्ता के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एजेंडा विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप देने का था। भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी चीनी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है।

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भारत ने कहा- सभी बिन्दुओं से अपने सैनिकों को जल्द और पूरी तरह वापस बुलाए

सूत्रों ने बताया कि वार्ता में भारत ने जोर देकर कहा कि चीन को विवाद के सभी बिन्दुओं से अपने सैनिकों को जल्द और पूरी तरह वापस बुलाना चाहिए तथा पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों में अप्रैल से पूर्व की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए। गतिरोध पांच मई को शुरू हुआ था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों सहित चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) ने सैन्य वार्ता के लिए शुक्रवार को भारत की रणनीति को अंतिम रूप दिया।

India-China military commanders

चीन ने लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से किया इनकार-

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के समाधान के लिए भारत ने चीन के साथ सातवें दौर की सैन्य वार्ता की वार्ता की है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस वार्ता के दौरान भी चीन ने एक बार फिर साफ शब्दों में भारत से कहा है कि चीन लद्दाख को भारत का हिस्सा नहीं मानता है और भारत ने लद्दाख को अवैध तरह से केंद्र शासित प्रदेश बनाया है। 

बता दें कि सोमवार को हुई इस बैठक में भारत ने चीन से अप्रैल पूर्व की यथास्थिति बहाल करने को कहा है। इसके साथ ही भारत ने विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा है। सरकारी सूत्रों ने यह बात कही है।

(पीटीआई इनपुट)

Web Title: Parliamentary committee to go to Ladakh's forward posts amid tension from China, Lok Sabha Speaker gave permission

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