संसदीय समिति ने पूछा: क्या स्त्री-पुरूष देखकर बढ़ाये जाते है ओला, उबर के किराये
By भाषा | Published: November 5, 2020 09:46 PM2020-11-05T21:46:07+5:302020-11-05T21:46:07+5:30
नयी दिल्ली, पांच नवंबर संसद की एक समिति ने कैब सेवा प्रदाता कंपनियों ओला और उबर के वरिष्ठ पदाधिकारियों से बृहस्पतिवार को सवाल किया कि क्या स्त्री-पुरूष देखकर, समय और यात्रियों के मोबाइल में बचे बैट्री पावर के हिसाब से किराया निर्धारित किया जाता है।
संसद की डेटा सुरक्षा विधेयक-2019 से संबंधित संसद की संयुक्त समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि समिति में शामिल सभी दलों के सदस्यों ने किराया तय करने की प्रणाली, चीन के निवेश और डाटा के आदान-प्रदान के संदर्भ में सवाल किए।
उनके मुताबिक, समिति ने दोनों कंपनियों से हलफनामे के तौर पर लिखित जवाब देने को कहा है।
लेखी ने बताया, ‘‘सदस्यों ने किराये बढ़ने के संदर्भ में मुख्य रूप से सवाल किए। उन्होंने पूछा कि क्या स्त्री-पुरूष, समय और यात्रियों के मोबाइल में बचे बैट्री पावर के हिसाब किराया निर्धारित की जाता है।’’
उन्होंने कहा कि ओला और उबर से उनकी अपनी कार होने के संदर्भ में सवाल किया जिस पर दोनों के पदाधिकारियों ने बताया कि उनके अपनी कारें हैं।
सूत्रों का कहना है कि उबर के पदाधिकारी ने बताया कि कंपनी के पास करीब 4000 कारें हैं। इस साल के आखिर में कार ड्राइवरों के सुपुर्द कर दी जाएगीं और उबर सिर्फ कैब सेवा प्रदाता बना रहेगा।