आज संसद में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे: ‘चुनावी बॉन्ड का चंदा बंद करो’ और ‘बीपीसीएल को बेचना बंद करो’, संसद में हंगामा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 21, 2019 07:02 PM2019-11-21T19:02:52+5:302019-11-21T19:02:52+5:30
कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिया था। बिरला ने प्रश्नकाल आरंभ किया। इस बीच, कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘चुनावी बॉन्ड का चंदा बंद करो’ और ‘बीपीसीएल को बेचना बंद करो’ के नारे लगाए।
कांग्रेस के सदस्यों ने बीपीसीएल के विनिवेश के सरकार के फैसले के खिलाफ और चुनावी बॉण्ड के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को लोकसभा में हंगामा किया। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुनावी बॉन्ड का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिया था। बिरला ने प्रश्नकाल आरंभ किया। इस बीच, कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘चुनावी बॉन्ड का चंदा बंद करो’ और ‘बीपीसीएल को बेचना बंद करो’ के नारे लगाए। लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्यों से अपनी जगह पर जाने की अपील करते हुए कहा कि सदन में युवा एवं खेल जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हो रही है, ऐसे में नारेबाजी नहीं करना चाहिए।
इसके बाद कई सदस्यों ने कहा कि वह जो मुद्दा उठा रहे हैं वह भी महत्वपूर्ण है। इस पर बिरला ने कहा कि आसन के समक्ष खड़े होकर आसन से बात नहीं करें। उन्होंने कहा कि जब कार्यस्थगन प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं हुआ तो फिर आसन के निकट आकर नारेबाजी करना ठीक नहीं है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे आ जाते हैं कि उन्हें कार्य स्थगन प्रस्ताव देना पड़ता है और आसन का किसी तरह से अनादर करने की कांग्रेस सदस्यों की कोई मंशा नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे साफ-सुथरी सरकार चला रहे हैं और इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है। शून्यकाल में मुद्दा उठाने का आश्चासन मिलने के बाद कांग्रेस सदस्य अपने स्थान पर चले गए और बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
सरोगेसी विनियमन विधेयक भेजा गया प्रवर समिति : सरकार ने विपक्ष की बात मानी
सरकार ने विपक्ष की मांग को मानते हुए किराये की कोख से संबंधित सरोगेसी विनियमन विधेयक को बुधवार को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने उच्च सदन में इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया। प्रवर समिति इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट संसद के अगले सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन सदन के पटल पर पेश करेगी।
प्रवर समिति में भाजपा के भूपेन्द्र यादव, डा. विकास महात्मे, सरोज पांडेय एवं अश्विनी वैष्णव, कांग्रेस के जयराम रमेश एवं डॉ अमी याग्निक, तृणमूल कांग्रेस के अबीररंजन विश्वास, अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन, समाजवादी पार्टी के रविप्रकाश वर्मा, बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य, जद (यू) रामचंद्र प्रसाद सिंह, टीआरएस डा. बंदा प्रकाश, माकपा के सोमप्रसाद, द्रमुक आर एस भारती, बसपा के वीर सिंह, राकांपा की वंदना चव्हाण, शिवसेना के अनिल देसाई, शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल, आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता, वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिशिय लचुंगपा, निर्दलीय परिमल नाथवानी तथा मनोनीत संभाजी छत्रपति को सदस्य बनाया गया है। उच्च सदन ने जब इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करने की अनुमति दे दी तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने समिति को यह भी निर्देश दिया कि वह अपनी रिपोर्ट के साथ इस बात का ब्योरा संलग्न करे कि समिति के किस किस सदस्य ने इसकी कितनी बैठकों में भाग लिया।
गंगा के उद्गम से लेकर विलय तक इसमें डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन की मात्रा मानक स्तर पर :शेखावत
जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में गुरूवार को कहा कि गंगा नदी में गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक अपघटित (डिजॉल्व्ड)ऑक्सीजन का स्तर पूरी तरह मानकों के अनुरूप है और नहाने के लिए जल गुणवत्ता के प्राथमिक मानकों की अधिसूचित सीमा में है। शेखावत ने कहा कि गंगा नदी में प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने में राज्य सरकारों के प्रयासों को भारत सरकार वित्तीय तथा तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने प्रश्नकाल में कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए अब तक 305 परियोजनाएं मंजूर की गयी हैं जिनकी अनुमानित लागत 28,613.75 करोड़ रुपये है, इनमें से 109 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और शेष परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
यूजीसी, एआईसीटीई के विलय पर अभी नहीं लिया गया अंतिम निर्णय : निशंक
सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए एकल नियामक सृजित करने की खातिर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के विलय पर अभी अंतिम निर्णय नहीं किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यूजीसी और एआईसीटीई के विलय पर अभी अंतिम निर्णय नहीं किया गया है। एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में निशंक ने बताया कि यूजीसी ने उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता और मानक में सुधार के लिए ‘दीक्षारंभ’ और ‘परामर्श’ नामक दो नयी पहलें शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि इन दोनों योजनाओं का सकल नामांकन दर से कोई सीधा संबंध नहीं है। निशंक के अनुसार, सकल नामांकन दर 2010-11 में 19.4 फीसदी थी जो 2018-18 में 26.3 फीसदी हो गई।
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा : निशंक
सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए मिले सुझावों पर विचार करने के लिए डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। निशंक ने बताया कि समिति ने 31 मई को 2019 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। उन्होंने बताया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
बलात्कार के मामलों के निपटारे के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करने का विचार कर रही है सरकार
सरकार बलात्कार के मामलों के निपटारे के लिए ‘फास्ट-ट्रैक’ अदालतें स्थापित करने पर विचार कर रही है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने बलात्कार और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो) से संबंधित लंबित मामलों की शीघ्र सुनवाई और निपटारे के लिए देश भर में कुल 1023 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया है।
प्रसाद के अनुसार, यह योजना केंद्र द्वारा प्रायोजित होगी और इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दे कर अपेक्षित ब्यौरे मांगे गए हैं ताकि उनको केंद्रीय मदद दी जा सके।
बीते तीन साल में मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए
बीते तीन साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हुई। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2016-17 में 76.27 करोड़ रुपये तथा 2017-18 में 99.32 करोड़ रुपये खर्च हुए। मुरलीधरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2018-19 में 79.91 करोड़ रुपये खर्च हुए। 2019-20 के लिए बिल अभी प्राप्त नहीं हुआ है।
सरकारी बैंकों ने अक्टूबर में 2.52 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अक्टूबर के त्योहारी मौसम में रिकॉर्ड 2.52 लाख करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। वित्तीय सेवा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि इसमें 1.05 लाख करोड़ रुपये का नया कर्ज शामिल है। इसके अलावा 46,800 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में दी गई। उल्लेखनीय है कि सरकार ने सितंबर में सरकारी बैंकों से कर्ज वितरण बढ़ाने और 400 जिलों में लोन मेला आयोजित करने के लिए कहा था ताकि खुदरा ग्राहकों और गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनी को कर्ज दिया जा सके।
देश में करीब 17 हजार वक्फ सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ, पंजाब में सबसे अधिक संख्या : सरकार
सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में वक्फ बोर्ड की करीब 17 हजार सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ है जिसमें सबसे अधिक संख्या पंजाब में है। लोकसभा में भाजपा के अजय निषाद के प्रश्न के लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में वक्फ बोर्ड की 16,937 सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ है जिनमें से 5610 पंजाब में है। नकवी ने बताया कि इसके बाद मध्य प्रदेश में 3240 वक्फ सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ है जबकि पश्चिम बंगाल में 3082, तमिलनाडु में 1335 और कर्नाटक में 862 वक्फ बोर्ड सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वक्फ बोर्ड की 373 सम्पत्तियों का अतिक्रमण हुआ है।
सरकार ने 8,400 मछुआरों को दिये किसान क्रेडिट कार्ड
सरकार ने देशभर में अब तक सिर्फ 8,400 मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिए हैं और वह इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख विधेयक तैयार किए गए हैं। इन्हें मौजूदा सत्र या अगले सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य विनियमन और प्रबंधन विधेयक 2019 और मछली में बीमारी रोकने संबंधी विधेयक को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलना अभी बाकी है। केंद्रीय मत्स्यपालन , पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने विश्व मत्स्य दिवस पर कहा कि कई उपायों की घोषणा के बीच सरकार ने अल्प कालिक ऋण सुविधा का दायरा बढ़ाया है और किसानों के अलावा मछुआरों , पशुपालकों को भी इसमें शामिल किया है।