संसद में घुसपैठियों पर संग्राम, दोनों सदनों में गूंजा असम NRC और रोहिंग्या मसला

By भाषा | Published: July 31, 2018 12:19 PM2018-07-31T12:19:19+5:302018-07-31T12:19:19+5:30

संसद के मॉनसून सत्र में कई बिल लटके पड़े हैं।

Parliament Monsoon session live updates 31 July Assam NRC Rohingya TMC  | संसद में घुसपैठियों पर संग्राम, दोनों सदनों में गूंजा असम NRC और रोहिंग्या मसला

संसद में घुसपैठियों पर संग्राम, दोनों सदनों में गूंजा असम NRC और रोहिंग्या मसला

नयी दिल्ली, 31 जुलाई:असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में 40 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल न किए जाने को ले कर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक आज शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। 

हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में बड़ी संख्या में लोगों के नाम शामिल नहीं किए जाने का मुद्दा कल सदन में उठा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कल ही गृह मंत्री से सदन में आने और सदस्यों की चिंता दूर करने का अनुरोध किया था। 

सभापति ने कहा कि उनके आग्रह पर गृह मंत्री कल सदन में बयान देने के लिए आए थे लेकिन हंगामे की वजह से उनका बयान नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। यह मुद्दा असम समझौते से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि आज भी गृह मंत्री इस ‘‘संवेदनशील और गंभीर मुद्दे’’ पर लोकसभा में बयान देने के बाद उच्च सदन आएंगे और यहां पर बयान देंगे। 

नायडू के यह कहने पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है और उसे आसन को स्वीकार करना चाहिए। नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस में, नियत कामकाज को निलंबित कर, तत्काल चर्चा का प्रावधान है। 

सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे जानना चाहा कि क्या गृह मंत्री के बयान के बाद सदस्य स्पष्टीकरण मांग सकेंगे। इस पर नायडू ने सिर हिला कर सहमति जताई। आजाद ने कहा कि मंत्री लोकसभा से यहां आएंगे, तब तक इस मुद्दे पर यहां चर्चा शुरू की जा सकती है। 

तृणमूल के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने तत्काल चर्चा शुरू करने की मांग दोहराई। सभापति ने कहा कि सदस्य अभी शून्यकाल चलने दें और गृह मंत्री के आने के बाद एनआरसी का मुद्दा उठाएं। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया और हंगामा शुरू कर दिया। सदन में व्यवस्था बनते न देख नायडू ने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। 

असम में एनआरसी का बहुप्रतीक्षित दूसरा और अंतिम मसौदा कल जारी होने के बाद विपक्षी दलों के सदस्य इसे अधूरा बताते हुये इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर कल भी उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सपा सदस्यों ने हंगामा किया था जिसकी वजह से सदन की बैठक कई बार बाधित हुई और कोई कामकाज नहीं हो पाया था। 

आज बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। फिर उन्होंने सदन को सूचित किया कि कई सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने एनआरसी का मुद्दा उठाया। 

उल्लेखनीय है कि असम के नागरिकों की पहचान के लिए सबूत माने जाने वाले एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात्रि को जारी हुआ था। एनआरसी में शामिल होने के लिए मिले 3.29 करोड़ आवेदनों में से केवल 2.89 करोड़ आवेदनों को ही गुवाहाटी में कल जारी दूसरे मसौदे के लिए पात्र माना गया। करीब 40 लाख से अधिक आवेदन दूसरे मसौदे में शामिल नहीं किए जा सके।

रोहिंग्या प्रवासी अवैध गतिविधियों में शामिल, राज्यों से उन पर नजर रखने को कहा गया : सरकार

सरकार ने आज कहा कि म्यामां से भारत में आने वाले रोहिंग्या प्रवासियों के बारे में अवैध गतिविधियों में शामिल होने की सूचना मिली है और कुछ महीने पहले ही राज्यों को परामर्श जारी कर कहा गया कि इनकी गतिविधि पर नजर रखी जाए।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक प्रश्नों के उत्तर में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है कि म्यामां से लगी सीमा से रोहिंग्या भारत में प्रवेश नहीं कर सकें।

उन्होंने कहा कि फरवरी, 2018 में राज्यों को जारी ताजा परामर्श में कहा गया कि वे अपने यहां मौजूद रोहिंग्या की गणना करें और उनको एक निश्चित क्षेत्र में सीमित रखें तथा उनकी गतिविधि पर भी नजर रखी जाए।

सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों से रोहिंग्या के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है और रिपोर्ट मिल जाने के बाद हम इसे विदेश मंत्रालय को देंगे। इसके बाद विदेश मंत्रालय रोहिंग्या को म्यामां वापस भेजने के बारे में वहां की सरकार से बात करेगा। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर राज्य भी अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज सकते हैं।

इससे पहले, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रोहिंग्या भारत में शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध प्रवासी हैं। उन्होंने कहा कि कई जगहों से रोहिंग्या लोगों के अवैध गतिविधि में शामिल होने की सूचना मिली है, हालांकि इस बारे में खुलासा नहीं किया जा सकता।

रिजिजू ने कहा कि राज्य ये सुनिश्चित करें कि रोहिंग्या प्रवासी किसी तरह का सरकारी दस्तावेज हासिल नहीं कर सकें। उन्होंने सबसे अधिक रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं। इसके अलावा तेलंगाना, दिल्ली और हरियाणा में भी रोहिंग्या हैं। मंत्री ने कहा कि म्यामां में रखाइन प्रांत में राहत अभियान में भारत सरकार ने मदद की है।

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