लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की हुई मौत, कितनों की गई नौकरी? सरकार ने संसद में कहा- हमारे पास आंकड़ा नहीं

By विनीत कुमार | Published: September 14, 2020 02:34 PM2020-09-14T14:34:05+5:302020-09-14T14:34:05+5:30

केंद्र सरकार की ओर से संसद में सोमवार को जानकारी दी गई कि उसे कोरोना संकट के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की मौत की संख्या के बारे में सटीक जानकारी नहीं है।

Parliament govt says no data on deaths and job losses available on migrant workers in lockdown | लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की हुई मौत, कितनों की गई नौकरी? सरकार ने संसद में कहा- हमारे पास आंकड़ा नहीं

लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूरों की गई जान, सरकार को नहीं पता (फाइल फोटो)

Highlightsलॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की मौत और नौकरी छीने जाने की संख्या की जानकारी नहीं: केंद्र सरकारसरकार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को बांटे गए राशन की राज्यवार जानकारी भी उसे नहीं है

भारत सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के नौकरी गंवाने और मौत का कोई सटीक आंकड़ा उसके पास मौजूद नहीं है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से ये जानकारी लिखित जवाब के तौर पर दी गई। साथ ही ये भी बताया गया कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को बांटे गए राशन की राज्यवार जानकारी नहीं रखी है।

सरकार ने कहा, 'ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है।' संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ है और लोकसभा में लिखित जवाब के तौर पर सरकार की ओर ये बातें कही गईं। कोरोना संकट के इस दौर में लिखित में सवाल पूछे जा रह हैं। लिखित सवाल में कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों की भी जानकारी मांगी गई थी।

केंद्र सरकार की ओर से मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित जवाब दिया। इसमें कहा गया, 'भारत ने एक देश के रूप में केंद्र-राज्य सरकार, लोकल बॉडी, स्वयंसेवी संस्था, मेडिकल हेल्थ प्रोफेशनल्स, सफाई-कर्मी, गैर-सरकारी संगठन आदि के मदद से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।' 

लॉकडाउन में राशन बांटे जाने के सवाल पर सरकार ने कहा कि उसे राज्यवार इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि, ये जरूर कहा गया कि 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं, एक किलो दाल नवंबर 2020 तक दिया जा रहा है। साथ ही कहा गया, 'सरकार ने एक राष्ट्र एक राशन योजना को लागू करने की शुरुआत कर दी है। इससे देश में किसी भी स्थान से प्रवासी योजना के तहत राशन प्राप्त कर सकेंगे।' 

साथ ही सरकार की ओर से लॉकडाउन के वक्त गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत पैकेज, EPF स्कीम जैसे लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई। बता दें कि लॉकडाउन लगने के कुछ दिनों बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए थे और कोई साधन नहीं होने के कारण पैदल ही घर जाने लगे थे। 

इस दौरान कई मजदूरों की सड़क दुर्घटना सहित भूख-प्यास और तबीयत खराब होने से मौत हो गई। इसे लेकर तब विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था। बाद में रेलवे की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई।

Web Title: Parliament govt says no data on deaths and job losses available on migrant workers in lockdown

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