हिंदी बनेगी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा, संसद ने विधेयक को मंजूरी दी

By भाषा | Published: September 23, 2020 02:33 PM2020-09-23T14:33:49+5:302020-09-23T14:34:20+5:30

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा घोषित किया जाएगा।

Parliament approved the Jammu and Kashmir Official Language Bill | हिंदी बनेगी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा, संसद ने विधेयक को मंजूरी दी

भाजपा के एस एस नागर ने पंजाबी, गुज्जरी और पहाड़ी को इस सूची में शामिल करने की मांग का समर्थन किया।

Highlightsसंसद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को मंजूरी प्रदान कर दी रेड्डी ने कहा ‘‘ 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में जितने लोग कश्मीरी बोलने वाले हैं

नयी दिल्ली: संसद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें पांच भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी और डोगरी को केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने का प्रावधान है।

विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के 74 प्रतिशत लोगों की भाषा कश्मीरी और डोगरी है किंतु इन भाषाओं को 70 साल तक राज्य की आधिकारिक भाषा नहीं बनाकर लोगों को उनकी आकांक्षाओं से वंचित रखा गया। बहरहाल, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा घोषित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग कश्मीरी, डोगरी और हिंदी बोलते हैं और समझते हैं। रेड्डी ने कहा ‘‘ 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में जितने लोग कश्मीरी बोलने वाले हैं, उनमें से 53.26 प्रतिशत जम्मू कश्मीर में हैं। लेकिन 70 साल तक कश्मीरी आधिकारिक भाषा नहीं थी। यह ऐतिहासिक भूल थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा जा रहा है और हम यह भी करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में 2.3 प्रतिशत लोगों की भाषा हिंदी है।’’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भाषा, धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव में विश्वास नहीं रखती। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को मंजूरी प्रदान कर दी । लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले रेड्डी ने कहा कि 70 साल से उर्दू जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा है लेकिन जम्मू-कश्मीर में उर्दू भाषा बोलने वाले लोग 0.16 प्रतिशत ही हैं। उन्होंने कहा कि उर्दू और अंग्रेजी दोनों को आधिकारिक भाषा के तौर पर जारी रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि डोगरी वहां दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 1.78 प्रतिशत है। इसलिए इस भाषा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार किसी भी क्षेत्रीय भाषा के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में बोले जानी वाली पंजाबी, गुज्जरी और पहाड़ी के विकास के लिए विधेयक में कई प्रावधान किये गये हैं। उच्च सदन में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए पीडीपी के मीर मोहम्मद फैज ने कहा कि इसमें पंजाबी, गुज्जरी और पहाड़ी भाषा को भी शामिल किया जाए।

भाजपा के एस एस नागर ने पंजाबी, गुज्जरी और पहाड़ी को इस सूची में शामिल करने की मांग का समर्थन किया। शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने कहा कि इस विधेयक में पंजाबी को शामिल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान में भी पंजाबी एक आधिकारिक भाषा थी। उन्होंने इस विधेयक में पंजाबी को शामिल करने की मांग की। भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास ने विधेयक में डोगरी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने के प्रस्ताव का स्वागत किया। 

Web Title: Parliament approved the Jammu and Kashmir Official Language Bill

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