मेरठ में पैदा हुए 'क्वारंटाइन' और 'सैनिटाइज़र', दुनिया को संदेश देने के लिए नवजात जुड़वा बच्चों के रखे अनोखे नाम
By अजीत कुमार सिंह | Published: May 27, 2020 03:34 PM2020-05-27T15:34:14+5:302020-05-27T15:34:14+5:30
मेरठ के एक दंपति ने अपने नवजात जुड़वा बच्चों के नाम क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र रख दिये है. "आने वाला कल कोरोना वायरस से ना जूझे यही संदेश देने के लिए हमने अपने बच्चों के नाम क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र रखे".
मेरठः बीते कुछ महीनों में दुनिया का हर इंसान इन नये शब्दों से ज़रूर परिचित हो गया है. जैसे कोरोना वायरस, सैनिटाइज़र और क्वारंटाइन.
कोरोनावायरस लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा रहने वाला है. कोरोना वायरस बचाव करने वाले मास्क और सैनिटाइज़र भी अब हमारी ज़िदंगी में शामिल हो चुके हैं. इस बीच मेरठ के एक दंपत्ति ने अपने नवजात जुड़वा बच्चों के नाम ही क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र रख दिये है.
क्यों रखे बच्चों के नाम क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र !
जब बच्चों की मां वेणु से पूछा गया कि उन्होंने अपने नवजात बच्चों के ऐसे नाम क्यों रखे तो, 'क्वारंटाइन' और 'सैनिटाइज़र' की मां कहती हैं "आज कल आप देख ही रहे हैं कि कोरोना का प्रकोप कितना ज्यादा बढ़ रहा हैं. कोरोना वायरस से सेफ रहने के दो ही तरीके हैं.
एक तो अपने आप को सैनेटाइज़ रखना और दूसरा अपने आप को क्वारंटाइन रखना. अभी तक इसकी कोई दवाई तो बनी नहीं है, तो इससे सेफ रहने के बारे में सोच कर हमने यहीं नाम रख दिये". 'क्वारंटाइन' और 'सैनिटाइज़र' की मां वेणु का भी डिलीवरी से पहले कोविड 19 टेस्ट हुआ था.
क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र के पिता का क्या कहना है
क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र के पिता धर्मेंद्र कहते हैं "हमने डॉक्टर से भी सलाह ली. उनका भी कहना है कि आप मां और बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं तो क्वारंटाइन में रहना करना पड़ेगा. तब हमें इसके महत्व का पता चला. हमें महसूस हुआ कि आज हम इससे जूझ रहे हैं, आने वाला कल इससे ना जूझे यही संदेश देने के लिए हमने अपने बच्चों के नाम क्वारंटाइन और सैनिटाइज़र रखा.
इसकी वजह से हमें जीवनभर सुरक्षा का अहसास रहेगा. हमें इससे बहतर नाम नहीं मिल सकते थे." धर्मेंद्र और वेणु की एक बड़ी बेटी भी है जिसका नाम मणि हैं. धर्मेंद्र और वेणु मेरठ के मोदीपुरम इलाके में रहते हैं.