माता-पिता के साथ सास-ससुर की भी करनी होगी सेवा, नहीं तो 5,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने कारावास या दोनों
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 5, 2019 05:21 PM2019-12-05T17:21:10+5:302019-12-05T17:21:10+5:30
अब अधिक आय वाले लोगों को अपने अपने माता-पिता के लिए गुजारा खर्च के तौर पर अधिक रकम देनी होगी। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक इस कानून का उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम 5,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने कारावास की सजा, या जुर्माना एवं सजा दोनों हो सकते हैं।
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरणपोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 में संशोधन करने वाले एक मसौदा विधेयक में बुजुर्ग सास-ससुर की देखभाल करने में नाकाम रहने और मासिक गुजारा खर्च नहीं मुहैया करने पर दामाद और बहू के खिलाफ मुकदमा चलाए जा सकने के प्रावधान किए गए हैं।
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरणपोषण और कल्याण (संशोधन) अधिनियम, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही संसद में पेश किए जाने की संभावना है। इसमें बुजुर्गों को मासिक गुजारा खर्च की 10,000 रुपये की अधिकतम सीमा भी हटा दी गई है।
अब अधिक आय वाले लोगों को अपने अपने माता-पिता के लिए गुजारा खर्च के तौर पर अधिक रकम देनी होगी। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक इस कानून का उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम 5,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने कारावास की सजा, या जुर्माना एवं सजा दोनों हो सकते हैं।
विधेयक के तहत प्राथमिकता उन वरिष्ठ नागरिकों के आवेदनों को दी जाएगी जिनकी आयु 80 वर्ष या अधिक है और यदि वे अपने बच्चों द्वारा उपेक्षा किये जाने की शिकायत दर्ज कराते हैं। हर पुलिस थाने में या जिला स्तरीय विशेष पुलिस इकाई में बुजुर्गों की शिकायतों को सुनने के लिए नोडल अधिकारी होंगे।
एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर भी होगा। बच्चों, दामाद या बहू द्वारा उपेक्षा किए जाने पर बुजुर्ग न्याय पाने के लिए भरण-पोषण अधिकरण से संपर्क कर सकते हैं।