पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट से 2002 गुजरात दंगे की पुनः जांच की मांग करते हुए कहा, "अमित शाह ने माना है सरकार प्रायोजित जनसंहार था"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 29, 2022 03:27 PM2022-11-29T15:27:19+5:302022-11-29T15:37:25+5:30
पप्पू यादव ने बीते 26 नबंर को अमित शाह द्वारा खेड़ा में चुनाल प्रचार के समय 2002 के संबंध में दिये बयान को मुद्दा बना लिया है। उस बयान में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भाजपा ने 2002 में गुंडे और असामाजिक तत्वों को ऐसा सबक सिखाया कि वे गुंडई और बदमाशी करना ही भूल गए थे।
पटना: जाप प्रमुख और लोकसभा के पूर्व पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा गुजरात चुनाव प्रचार में 2002 हिंसा को लेकर दिये बयान पर उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि गोधरा ट्रेन हादसे के बाद हुई हिंसा की एक बार फिर से जांच करवाई जाए। ट्वीटर पर तीखी सियासी टिप्पणी के कारण सुर्खियों में रहने वाले सुपौल से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बीते 26 नबंर को अमित शाह द्वारा खेड़ा में 2002 के संबंध में दिये बयान को मुद्दा बना लिया है।
पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करता हूं कि अमित शाह के बयान के आलोक में गुजरात दंगों की पुनः निष्पक्ष जांच कराई जाय। अमित शाह ने माना है वह दंगा सरकार प्रायोजित जनसंहार था। उसमें शामिल दंगाई आज केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज़ हैं! न्याय की मांग है उन्हें कठोर दंड मिले जो नज़ीर बने!"
मैं सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करता हूं कि अमित शाह के बयान के आलोक में गुजरात दंगों की पुनः निष्पक्ष जांच कराई जाय।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) November 29, 2022
अमित शाह ने माना है वह दंगा सरकार प्रायोजित जनसंहार था। उसमें शामिल दंगाई आज केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज़ हैं! न्याय की मांग है उन्हें कठोर दंड मिले जो नज़ीर बने!
दरअसल बीते रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात की खेड़ा में आयोजित एक चुनावी रैली में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को कोसते हुए कहा था, "1995 से पहले जब गुजरात में कांग्रेस का शासन था, तब गुंडों और असामाजिक तत्वों को हौसले बहुत बुलंद था लेकिन हमने 2002 में उन्हें ऐसा सबक सिखाया कि वे गुंडई और बदमाशी करना ही भूल गए। 2002 के सख्त कदम से भाजपा ने पूरे गुजरात को स्थायी शांति दी है।"
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गृहमंत्री शाह ने भरूच में कहा, "2002 में कांग्रेस ने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का काम किया था। मैंने यहां भी बहुत दंगे देखे। लेकिन 2002 के बाद यहां किसी की हिम्मत नहीं हुई हिंसा करने की। हमने इनको ऐसा पाठ पढ़ाया, एक-एक को चुन-चुन कर सीधा किया। सबको जेल में डाला, आज 22 साल हो गए, कहीं कर्फ्यू नहीं लगाना पड़ा।"
भाषण के दौरान अमित शाह ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस को घेरते हुए कहा शाह ने कहा कि दंगे करवाने का काम कांग्रेस का है। इसने गुजरात में कई दफे दंगे करवाकर लोगों को आपस में लड़वाया, उन्हें भड़काया। कांग्रेस को सिर्फ अपने वोट बैंक से मतलब था, इसलिए उसने लोगों को हिंसा के लिए शह दिया करती थी।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस काल में गुजरात में इज्जू शेख, पीरजादा और लतीफ जैसे गुंडे और दादा हुआ करते थे, लेकिन आज की तारीख में गुजरात में केवल एक दादा हैं और वो हैं 'हनुमान दादा', उनके अलावा किसी की खड़े होने की हिम्मत नहीं है।"