कोविड-19 को संभालने को लेकर आलोचना से घिरी ममता बनर्जी सरकार ने बदली रणनीति, अब तक 1344 हो चुके हैं संक्रमित

By भाषा | Published: May 6, 2020 07:56 PM2020-05-06T19:56:56+5:302020-05-06T20:03:38+5:30

पश्चिम बंगाल में अब तक 1344 लोग कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें से 140 लोगों की मौत इस महामारी के कारण हो गई है।

Panned over COVID-19 handling, Mamata government shifts strategy | कोविड-19 को संभालने को लेकर आलोचना से घिरी ममता बनर्जी सरकार ने बदली रणनीति, अब तक 1344 हो चुके हैं संक्रमित

कोविड-19 को संभालने को लेकर ममता बनर्जी सरकार ने रणनीति बदली। (फाइल फोटो)

Highlightsकोविड-19 से निपटने को लेकर आलोचना से घिरी पश्चिम बंगाल सरकार ने परीक्षण कई गुणा बढ़ाने का फैसला किया है।बंगाल सरकार ने कोरोना मौतों पर ऑडिट समिति के क्षेत्राधिकार में बदलाव लाकर और लॉकडाउन उपायों को कड़ा करके अपनी रणनीति बदली है।

कोलकाता। कोविड-19 महामारी से कथित रूप से अकुशलता से निपटने को लेकर आलोचना से घिरी पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने परीक्षण कई गुणा बढ़ाकर, कोरोना वायरस मौतों पर ऑडिट समिति के क्षेत्राधिकार में बदलाव लाकर और लॉकडाउन उपायों को कड़ा करके अपनी रणनीति बदली है।

तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अनुसार रणनीति में बदलाव लोगों में बढ़ते असंतोष तथा निम्न परीक्षण एवं कमजोर निगरानी को लेकर केंद्र की टीमों की तीखी टिप्पणी जैसे विभिन्न कारणों से किया गया है। यह तृणमूल के लिए अगले साल के विधानसभा चुनाव में महंगा साबित हो सकता है।

एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जिलों से आ रही रिपोर्टें परेशान करने वाली थीं, क्योंकि लोग राज्य सरकार द्वारा इस संकट के प्रबंधन से क्रुद्ध थे। केंद्र के फैसलों की नियमित आलोचना भी लोगों के गले नहीं उतरी और पश्चिम बंगाल की कोविड-19 स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठते रहे।’’

नवीनतम आंकड़े के अनुसार राज्य में कोविड-19 के 1344 सत्यापित मामले सामने आये और 140 मरीजों की मौत हुई। इन 140 मरीजों में 68 की मौत की वजह वायरस को बताया गया जबकि बाकी में अन्य कई बीमारियां भी थीं।

अधिकारियों के अनुसार पश्चिम बंगाल में अब रोजाना करीब 2500 परीक्षण हो रहे हैं और अबतक 25,116 नमूनों की जांच हो चुकी है। दो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के पहुंचने से महज दो दिन पहले 18 अप्रैल को मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस के 233 मामले सामने आये और बस 12 मरीजों की जान गयी। राज्य में 4,600 नमूनों का परीक्षण किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर इस बीमारी के कुल मामले 1259 और उससे मरने वालों की संख्या 133 बतायी गयी।

तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी का एक वर्ग कोविड-19 मौतों के प्रमाणन के लिए विशेषज्ञ ऑडिट समित के गठन की जरूरत को लेकर अनिश्चित था। लेकिन समिति बनायी गयी और उसने कोविड-19 मरीजों की मौतों की बड़ी संख्या की जांच की और बहुत कम मौत के लिए इस वायरस को जिम्मेदार माना एवं उच्च रक्तचाप, हृदया एवं वृक्क की बीमारी जैसे अन्य रोगों को जिम्मेदार ठहराया। इस बीच कोविड-19 के मरीजों की मौत और कथित रूप से उनके शवों के ‘चोरी छिपे’ दाहसंस्कार एवं दफनाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये।

एक अन्य तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘2021 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए यह बड़ा जोखिमपूर्ण बन रहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क करने का निर्णय लिया। एक बहुआयामी रणनीति बनायी गयी जिसे लागू करने के लिए प्रशासनिक एवं राजीनतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी। उनके मार्गदर्शन में पार्टी ने अपन आप को सशक्त दिखा रही है तथा गलतियां सुधारने लगीं एवं भाजपा से दो-दो हाथ करने लगी।’’

Web Title: Panned over COVID-19 handling, Mamata government shifts strategy

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