पंचायत चुनाव के मतों की गिनती कल से, शिक्षक संगठनों ने बहिष्कार का एलान वापस लिया

By भाषा | Published: May 1, 2021 10:34 PM2021-05-01T22:34:09+5:302021-05-01T22:34:09+5:30

Panchayat election votes counted from yesterday, teacher organizations withdrew boycott | पंचायत चुनाव के मतों की गिनती कल से, शिक्षक संगठनों ने बहिष्कार का एलान वापस लिया

पंचायत चुनाव के मतों की गिनती कल से, शिक्षक संगठनों ने बहिष्कार का एलान वापस लिया

लखनऊ, एक मई उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में मतगणना पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार करने के बाद मतों की गिनती रविवार को शुरू होगी जिसके लिए राज्‍य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को स्‍पष्‍ट हिदायत दी है कि मतगणना केंद्रों में उन्हें ही प्रवेश मिलेगा जिनकी कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव होगी।

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और उत्‍तर प्रदेश शिक्षक महासंघ समेत कई संगठनों ने मतगणना के बहिष्कार की घोषणा की थी लेकिन शनिवार की शाम उत्तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के साथ हुई वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ समेत कई संगठनों ने मतगणना न करने का अपना फैसला वापस ले लिया। रात नौ बजे तक राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मतगणना कराने को लेकर कोई फैसला नहीं कर सका था।

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और अधिकाधिक संख्या में कर्मचारी, शिक्षक, अभियंताओं और अधिकारियों की मौत के बाद विभिन्न शिक्षक और कर्मचारी संगठनों की मांग पर मतगणना बहिष्कार की घोषणा करने वाले संगठनों ने शनिवार की शाम उच्‍च्‍तम न्‍यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए मतगणना करने का निर्णय लिया है।

शनिवार शाम जारी एक बयान में विभिन्न संगठनों के एक समूह ने मतगणना ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों, शिक्षकों की सुरक्षा के संबंध में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में दस मांगें रखी जिसका अनुपालन शासन द्वारा कराये जाने का आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी और शिक्षक संगठनों ने मतगणना में शामिल होने का निर्णय लिया है।

कर्मचारियों की समस्याओं के संबंध में मुख्य स्तर की कमेटी के साथ वार्ता में कर्मचारी शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा, प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी, कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, रामराज दुबे, सतीश कुमार पाण्डेय और कमलेश मिश्रा शामिल थे।

शासन के आला अफसरों के समक्ष मतगणना के दौरान कार्मिकों को किट उपलब्ध कराने, प्रत्येक जिले में 10 बेड आईसीयू और वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ इसकी व्यवस्था के लिए अधिकारी की नियुक्ति, सभी कार्मिकों का टीकाकरण, ड्यूटी में लगे कार्मिकों चाहे वह नियमित हो या संविदा, स्थाई मानदेय को कोरोना डयूटी के दौरान मृत्यु होने पर पचास लाख मुआवजा, मृतक के आश्रितों को नौकरी,कोरोना पीड़ितों के सभी खर्च सरकार द्वारा वहन करने की मांग रखी गई। पीने के पानी की सील्ड बोतल और वाहन की व्यवस्था, पीड़ित कार्मिकों को मोबाईल की अनुमति दी जाए। विशेष रूप से यह तय किया गया कि जिन कार्मिकों को खांसी-बुखार होगा उन्हें ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कार्मिकों की अधिकतम ड्यूटी आठ घण्टे तथा मतगणना जारी रहने मतगणना स्थल के आसपास कर्फ्यू जारी रखने की भी मांग की गई।

इसके पहले उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण एवं मतदान की ड्यूटी के दौरान महामारी से बचाने की व्यवस्था उपलब्ध कराने में निर्वाचन आयोग की विफलता एवं अपने संघ के सदस्यों के प्राणों के रक्षार्थ उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्णय लिया है कि यदि रविवार, दो मई को प्रस्तावित मतगणना स्थगित नहीं की गई तो हमारे विभाग के शिक्षक मतगणना का बहिष्कार करेंगे।

उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य एवं नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी व उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा समेत विभिन्न संगठनों के नेताओं के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी बयान में मतगणना स्थगित करने की मांग करते हुए कहा गया था कि इस समय कोई ऐसा कारण नहीं है कि मतगणना स्थगित नहीं की जा सकती।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने शनिवार को 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा,‘‘हमारे संगठन द्वारा मतगणना का बहिष्कार किया गया है क्योंकि जान है तो जहान है।’’

उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई की याद दिलाने पर उन्होंने कहा, 'न्यायालय का अपना कार्य है लेकिन जान की सुरक्षा हमें खुद अपने करनी है।'

मिश्र ने कहा, 'हम न्‍यायालय पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए शिक्षक और कर्मचारी मतगणना नहीं कराएंगे।'

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को मतगणना न करने के शिक्षक संगठनों के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि ''सपा अभी भी पूरी तरह से शिक्षक संघ की इस मांग के साथ है कि पंचायत चुनाव की मतगणना टाली जाए। भाजपा सरकार के सत्ता के दंभ और हठ के कारण पंचायत चुनाव ड्यूटी से सैकड़ों शिक्षक एवं उनके परिजन जान गंवा चुके हैं। अब जबकि कोरोना वायरस महामारी चरम पर है तो सरकार मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं एवं मतगणना टाले।''

इस बीच राज्‍य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दो मई, रविवार को पंचायत चुनाव में हुए मतदान के मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी और सभी मतपत्रों की गिनती होने तक जारी रहेगी। उन्होंने संभावना जताई कि मतगणना प्रक्रिया पूरा होने में लगभग दो दिन का समय लग सकता है।

राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त मनोज कुमार ने सभी सभी जिलाधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह आदेश दिया है कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर मतगणना के दिन मेडिकल हेल्थ डेस्क खोले जाएं।

आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार आयुक्‍त की यह स्पष्ट हिदायत है कि कोविड-19 के लक्षण जैसे बुखार, जुकाम आदि होने पर मतगणना स्थल पर प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। मतगणना हाल या कक्ष या परिसर में प्रवेश के समय सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग कराना अनिवार्य किया गया है।

आयोग ने विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगाया है और किसी भी प्रत्याशी को विजय जुलूस की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी।

आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक प्रत्याशियों एवं अभिकर्ताओं को मतगणना प्रारंभ होने के 48 घंटे पहले की गयी आरटी-पीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन जांच की निगेटिव रिपोर्ट अथवा कोविड-19 टीका का कोर्स पूर्ण किये जाने की रिपोर्ट दिखाये जाने के बाद ही मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। मतगणना केंद्र पर जाने वाले सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

राज्‍य निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों की मतगणना में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए कुल 12, 89, 830 उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला होगा।

आयोग के अनुसार जिला पंचायत सदस्य के सात, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,005, ग्राम पंचायत प्रधान के 178 और ग्राम पंचायत सदस्य के 3,17,127 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इस प्रकार राज्य में चारों चरणों के चुनाव क्षेत्रों से कुल 3,19, 317 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मत डाले गये। पहले चरण में 15 अप्रैल, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ। राज्‍य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 तथा जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए मत डाले गये हैं। इनमें से कुछ पदों पर निर्विरोध निर्वाचन भी हो चुका है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से पंचायत चुनाव प्रक्रिया 25 मई तक समाप्त करने को कहा था।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिये होने वाली मतगणना पर रोक लगाने से शनिवार को इंकार कर दिया और कहा कि मतगणना के दौरान या उसके बाद विजय जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी।

न्यायालय में अवकाश के दिन विशेष अत्यावश्यक सुनवाई में न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि राज्य भर में मतगणना केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारियों को दी जाए।

शीर्ष अदालत ने यह निर्देश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें देश भर में महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए मतगणना के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

पीठ ने कहा कि सरकारी अधिकारी, उम्मीदवार और उनके एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से पहले आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट पेश कर दिखाना होगा कि वे कोविड-19 से पीड़ित नहीं हैं।

याचिकाकर्ता सचिन यादव की तरफ से पेश वकील शोएब आलम ने सुनवाई के दौरान कहा कि लाखों उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए मतगणना केंद्रों पर बड़ी संख्या में चुनाव अधिकारियों और मतगणना एजेंटों की भीड़ से बचा जाना चाहिए।

यादव ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने की अनुमति देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।

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Web Title: Panchayat election votes counted from yesterday, teacher organizations withdrew boycott

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