पाला बिशप टिप्पणी: यूडीएफ, एलडीएफ नेताओं का संघ परिवार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप

By भाषा | Published: September 15, 2021 09:15 PM2021-09-15T21:15:01+5:302021-09-15T21:15:01+5:30

Pala Bishop comment: UDF, LDF leaders accuse Sangh Parivar of disturbing communal harmony | पाला बिशप टिप्पणी: यूडीएफ, एलडीएफ नेताओं का संघ परिवार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप

पाला बिशप टिप्पणी: यूडीएफ, एलडीएफ नेताओं का संघ परिवार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप

कोझिकोड, 15 सितंबर पाला धर्मक्षेत्र (डायोसीज) के बिशप जोसेफ कल्लारंगट द्वारा विवादास्पद “नार्कोटिक्स जिहाद” टिप्पणी के संबंध में धार्मिक नेताओं की बैठकों के साथ जमीनी स्तर पर शांति पहल शुरू होने के बावजूद, यूडीएफ और एलडीएफ के वरिष्ठ नेताओं ने संघ परिवार पर केरल में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाना जारी रखा।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर इस मुद्दे को हल करने और सांप्रदायिक वैमनस्य को रोकने के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने जैसे कदम उठाने के बजाय कथित तौर पर विभिन्न धार्मिक समुदायों में टकराव और पतन का इंतजार करने का आरोप लगाया।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि ऐसा लगता है कि माकपा ने चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कथित राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के साथ समझौता कर लिया है। एसडीपीआई के सदस्यों ने पाला बिशप की टिप्पणी के विरोध में उनके आवास तक मार्च निकाला था।

सतीसन ने मीडिया से कहा कि यूडीएफ को हराने के लिए माकपा किसी भी “सांप्रदायिक राक्षस” से हाथ मिलाने से नहीं हिचकिचाती है और जब कुछ लोग दो समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं तो वाम सरकार सिर्फ देख रही है।

उन्होंने कहा, “क्या राज्य सरकार का वही एजेंडा है जो संघ परिवार का है? क्या मुख्यमंत्री इस संघर्ष का आनंद ले रहे हैं? धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सर्वदलीय बैठक के आह्वान के बावजूद, सरकार तैयार नहीं है। अगर सरकार समस्या को हल करने का प्रयास नहीं करती है, तो यूडीएफ को भी ऐसा ही करना होगा।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक सांप्रदायिक ताकतों से नहीं जुड़ी है।

सोमवार को पाला में बिशप से मिलने के बाद, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पीके कृष्णदास ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस और माकपा वरिष्ठ कैथोलिक पादरी द्वारा उठाए गए मुद्दे पर ध्यान देने के बजाय, समाज में परेशानी पैदा करने वाले चरमपंथी तत्वों का पक्ष ले रहे हैं।

यूडीएफ के संयोजक एम एम हसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह बिशप की टिप्पणी के पीछे इरादे की शुद्धता का सम्मान करते हैं, संघ परिवार और अन्य चरमपंथी समूह उनके संबोधन के कुछ शब्दों पर ध्यान केंद्रित करके समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि समुदायों को संघर्ष और पतन देखने की प्रतीक्षा करने के बजाय सरकार को जागने और कार्य करने की आवश्यकता है।

हसन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सीएम सांप्रदायिक सद्भाव को भंग होने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं करके राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।

वहीं भाकपा नेता कनम राजेंद्रन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि पाला बिशप का बयान केरल समाज और ईसाई परंपराओं के अनुरूप नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिशप के बयान ने दुर्भाग्य से भाजपा को सक्रिय करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम किया है, “जो कथित तौर पर धर्म के आधार पर भारत के लोगों को विभाजित करने के उद्देश्य से सामने आयी है”।

उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से सभी विवादों को समाप्त करने और धार्मिक सद्भाव व धर्मनिरपेक्षता के संदेश को बनाए रखने का आग्रह किया।

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Web Title: Pala Bishop comment: UDF, LDF leaders accuse Sangh Parivar of disturbing communal harmony

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