सीजफायर के उल्लंघन से बाज नहीं आ रही पाकिस्तानी सेना, जम्मू कश्मीर में बार्डर टूरिज्म पर संशय के बादल
By सुरेश डुग्गर | Published: June 1, 2019 05:15 PM2019-06-01T17:15:53+5:302019-06-01T17:15:53+5:30
सीजफायर के 15 सालों के अरसे में बार्डर टूरिज्म की योजना को परवान चढ़ाने की कोशिशों को अब पाक सेना नेस्तनाबूद करने की कवायद में जुटी हुई है।
राज्य में टूरिज्म को पलीता लगाने में पाक सेना की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। जहां कश्मीर के टूरिज्म को क्षति पहुंचाने की कोशिशें उसके पिठ्ठू आतंकियों द्वारा की जा रही हैं तो सीमाओं पर सीजफायर का बार-बार उल्लंघन कर वह टूरिज्म विभाग की बार्डर टूरिज्म योजनाओं पर पानी फेर रही है। सीजफायर के 15 सालों के अरसे में बार्डर टूरिज्म की योजना को परवान चढ़ाने की कोशिशों को अब पाक सेना नेस्तनाबूद करने की कवायद में जुटी हुई है।
ऐसे में सीमांत लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि पहल्ो वह पाकिस्तान स्ो बात करे और इस बात की गारंटी ल्ो कि कुछ नहीं होगा। फिर पयर््ाटन ढांचे को मजबूत किया जाए। इतना जरूर था कि जम्मू संभाग के मंडलाय्ाुक्त भी मानते थे कि इस तरह की घटनाएं बार्डर टूरिज्म के लिए खतरा हैं। हालांकि उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोज नहीं होतीं। बार्डर टूरिज्म की योजना एक लंबी सोच को ल्ोकर बनाई गई है जिस्ो पूरा करन्ो पर इन चीजों को नजरअंदाज करना ही पड़ेगा।
इन घटनाओं स्ो साबित होता है कि टूरिज्म विभाग के लिए बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देना टेढ़ी खीर ज्ौसा होगा। बार्डर के लोगों से जब यह सवाल पूछा गया कि क्य्ाा बार्डर टूरिज्म पर इसका असर पड़ेगा, तो कोई ना न कह सका। वे कहते थे कि जब भी कभी सीजफायर की उल्लंघना होती है तो काफी सख्ती कर दी जाती है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो टूरिस्ट यहां पर कैस्ो आएंग्ो।
हालांकि सुरक्षा एजेंसिय्ाां एवं टूरिज्म विभाग नहीं मानता कि इसस्ो बार्डर टूरिज्म पर कोई असर पड़ेगा ल्ोकिन इतिहास गवाह रहा है कि बार्डर पर तनाव होन्ो पर आसपास के गांवों स्ो लोग पलाय्ान कर जाती हैं। बार्डर पर लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाती है। य्ाही नहीं, बार्डर पर शाम 6 बजे के बाद किसी को अपने खेतों में आने तक नहीं दिया जाता।ऐसे में आक्ट्राय्ा पोस्ट (सुच्ोतगढ़) पर विकसित होने वाली पयर््ाटन ढांचे को तो मुहैया करा ्जागबोएगा ल्ोकिन तनाव होन्ो पर उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा, यह एक कड़वी सच्चाई है।