पाकिस्तान की एक और चाल, कश्मीरी अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी को देगा अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान

By विनीत कुमार | Published: July 28, 2020 12:45 PM2020-07-28T12:45:56+5:302020-07-28T12:48:04+5:30

पाकिस्तान ने भारत के विरोध में रहे अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने का फैसला किया है। पाकिस्तान की ओर से ये फैसला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के निर्णय के एक साल के अंदर लिया गया है।

Pakistan to confer Kashmiri separatist Syed Geelani Nishaan e Pakistan award | पाकिस्तान की एक और चाल, कश्मीरी अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी को देगा अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान

पाकिस्तान सैयद अली शाह गिलानी को 'निशान-ए-पाकिस्तान' से करेगा सम्मानित (फाइल फोटो)

Highlightsसैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान देना अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मानपाकिस्तान के सदन ने प्रस्ताव पारित किया, गिलानी ने कुछ दिनों पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को कर लिया था अलग

पाकिस्तान ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेस के नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-पाकिस्तान' से सम्मानित करने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार गिलानी के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी पाकिस्तान में रखा गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार गिलानी को 'निशान-ए-पाकिस्तान' से सम्मानित करने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सिनेटर मुश्ताक अहमद ने दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव को पास किया। गिलानी पूर्व में कई मौकों पर भारत विरोधी बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। हालांकि, करीब डेढ़ महीने पहले ही उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को पूरी तरह अलग कर लेने का ऐलान किया था।

पाकिस्तान समर्थित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के आजीवन अध्यक्ष गिलानी ने जून के आखिरी हफ्ते में अचानक 16 धड़ों के गठबंधन से खुद को पूरी तरह अलग करने का ऐलान करते हुए संगठन में जवाबदेही के अभाव और विद्रोह का आरोप लगाया था। कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों में सबसे प्रमुख गिलानी (90) 2003 में इस धड़े के गठन के बाद से ही इसके अध्यक्ष थे। 

गिलानी काफी समय से और विशेषकर पिछले साल जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म किये जाने के बाद से राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं हैं। गिलानी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित अलगाववादी नेताओं पर कश्मीर के मुद्दे को अपने फायदे के लिये इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने ये आरोप संगठन के घटकों को लिखे पत्र में लगाए थे।

गिलानी के ऊपर साल 2016 में हुई कश्मीर हिंसा के बाद टेरर फंडिंग के चार्ज भी लगे थे। वे 1990 में आतंकवाद के उभरने के बाद से कश्मीर घाटी में अलगाववादी आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। हालांकि, 2010 के आंदोलन के बाद से ज्यादातर समय नजरबंद रहे हैं। गिलानी तीन बार विधायक रहे हैं। वह 1972, 1977 और 1987 का चुनाव सुपोर निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे।

Web Title: Pakistan to confer Kashmiri separatist Syed Geelani Nishaan e Pakistan award

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