Pahalgam terror attack:असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद कथित रूप से ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे ऐसे मामलों में राज्य में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 71 हो गई है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शर्मा ने कहा कि कोकराझार, गोलपारा और दक्षिण सलमारा-मनकाचर जिलों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘71 देशद्रोही अब सलाखों के पीछे हैं! असम पुलिस डिजिटल माध्यमों पर कड़ी निगरानी रख रही है।’’
इससे पहले, विपक्षी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक अमीनुल इस्लाम को कथित तौर पर पाकिस्तान और पहलगाम आतंकी हमले में उसकी संलिप्तता का ‘‘बचाव’’ करने लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मामले में जमानत मिलने के बाद इस्लाम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था। पिछले महीने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दो मई को शर्मा ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
विदेश सचिव पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर संसदीय समिति को जानकारी देंगे
विदेश सचिव विक्रम मिसरी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष पर सोमवार को एक संसदीय समिति को जानकारी देंगे। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक शाम करीब चार बजे होगी। यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रही है।
भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे। मिसरी सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस सदस्य शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति को ‘‘भारत और पाकिस्तान के संबंध में विदेश नीति की मौजूदा स्थिति’’ के बारे में जानकारी देंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता वाली जल संसाधन समिति को विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों द्वारा बाढ़ परिदृश्य, नदी तटों के संरक्षण, मिट्टी के कटाव, मानसून के दौरान राहत उपायों, सीमा पार बहने वाली नदियों सहित अन्य मुद्दों पर जानकारी दी जा सकती है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आतंकवाद के खिलाफ कड़े तरीके से निपटने के भारत के संकल्प के बारे में वैश्विक नेताओं को जानकारी देने के लिए सरकार ने 33 देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है।