ऑक्सीजन के अभाव में 15 मौतें, पालघर में 10, नागपुर के निकट कन्हान अस्पताल में 5 ने तोड़ा दम, परिजनों के आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2021 09:35 PM2021-04-13T21:35:02+5:302021-04-13T21:36:22+5:30
पालघर और नागपुर जिले के कुछ अस्पतालों से दिल दहला देने वाली खबरें आई हैं. पालघर के दो तथा नागपुर जिले के कांद्री (कन्हान) के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 15 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया.
नागपुरः राज्य में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच महामारी से संक्रमित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अस्पताल संक्रमितों से भरे पड़े हैं. बेड खाली नहीं होने की वजह से मरीजों को भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है. इस बीच, पालघर और नागपुर जिले के कुछ अस्पतालों से दिल दहला देने वाली खबरें आई हैं. पालघर के दो तथा नागपुर जिले के कांद्री (कन्हान) के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 15 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया.
परिजनों के आरोपों को हालांकि स्थानीय प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने खारिज किया है. पालघर के नालासोपारा के दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से 10 लोगों की मौत हुई है. यहां के विनायक अस्पताल में 7 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया. एक अन्य अस्पताल रिद्धि विनायक में 3 लोगों की मौत का समाचार है.
घटना के बाद बड़ी संख्या में मृतकों के परिजन और अन्य लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए और हंगामा किया. हिंसा और तोड़फोड़ की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. कांद्री (कन्हान) के वेकोलि जे.एन. अस्पताल में मंगलवार को कोविड संक्रमित 4 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक संक्रमित गर्भवती महिला ने जे.एन अस्पताल से कामठी के निजी अस्पताल लाए जाने के दौरान रास्ते में दम तोड़ दिया. यह घटना सुबह करीब 7 बजे हुई.
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही व ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों को जान गंवानी पड़ी है. कन्हान के अस्पताल में मृत संक्रमितों में पटले नगर, कन्हान निवासी अमित दीनदयाल भारद्वाज, टेकाड़ी निवासी कल्पना अनिल कडू , किरण राधेश्याम बोराडे व रायनगर, कन्हान निवासी हुकुमचंद पी. येरपुड़े का समावेश है.
रायनगर, कन्हान निवासी नमिता श्रीकांत मानकर की कामठी के अस्पताल में पहुंचने से पहले मौत हो गई. कन्हान व आसपास के ग्रामीण इलाकों में कोविड संक्रमण बढ़ने की वजह से जे.एन. अस्पताल में 10 अप्रैल को 15 बेड का कोविड केयर हॉस्पिटल शुरू किया गया था. मरीजों के परिजनों के मुताबिक अस्पताल शुरू करने के बावजूद यहां किसी तरह की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. पहले दिन से ही ऑक्सीजन की कमी बनी हुई थी. मंगलवार को ऑक्सीजन खत्म हो गया. इन दौरान यहां कोई मेडिकल स्टॉफ मौजूद नहीं था.
गर्भवती महिला की हालत गंभीर हो गई थीः नमिता मानकर गर्भवती थीं. कोविड संक्रमण की चपेट में आने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चार लोगों की मौत के बाद हुए अस्पताल में हंगामे के बीच उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई. आनन-फानन में कामठी के एक निजी अस्पताल में भेजा गया,लेकिन अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
वेकोलि व जिप आमने-सामनेः वेकोलि के जनसंपर्क अधिकारी सतेंद्र प्रसाद सिंह ने घटना के लिए जिला प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है. साथ ही कहा कि जिला प्रशासन ने अस्पताल, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं मुहैया कराई थीं. कोविड मरीजों की देखभाल व उपचार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी, जो कि उन्होंने नहीं निभाई. हालांकि जिला परिषद की अध्यक्ष रश्मि बर्वे ने घटना की जांच की मांग करते हुए वेकोलि के दावे को खारिज किया है. बर्वे ने कहा कि वेकोलि के अधिकारियों ने डॉक्टर व नर्स मुहैया कराने की हामी भरी थी. लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया.
गंभीर स्थिति में लाए गए थे मरीज: अस्पताल निरीक्षक तहसील स्वास्थ्य अधिकारी व कोविड निरीक्षक मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं. कोविड केयर अस्पताल के निरीक्षक डॉ. गजानन धुर्वे से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि संबंधित मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल लाए गए थे. मेयो-मेडिकल व निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिलने से परिजनों ने यहां भर्ती कराया था.