एक लाख से ज्यादा छात्रों ने ऑनलाइन मुहिम चलाकर बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कराने की मांग की, CBSE ने दिया ये जवाब
By विनीत कुमार | Published: April 8, 2021 01:07 PM2021-04-08T13:07:30+5:302021-04-08T13:11:14+5:30
भारत में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में लाखों स्टूडेंट ने बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कराने की मांग की है। उन्होंने 'चेंज डॉट ओआरजी' पर इसके लिए अभियान भी चलाया है।
भारत में कोरोना महामारी के लगातर बढ़ रहे मामलों के बीच 10वीं और 12वीं के एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने सरकार से मई में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने या फिर इसे ऑनलाइन आयोजित कराने की मांग की है। इन स्टूडेंट ने सरकार से इस संबंध में गुजारिश के लिए याचिकाओं पर हस्ताक्षर किए हैं।
वहीं, पिछले दो दिन से ट्विटर पर #cancelboardexams2021 भी ट्रेंड करता रहा है। हालांकि इन तमाम मागों के बावजूद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस ( सीआईएससीई) ने कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए तमाम वो इंतजाम किए गए हैं जो कोरोना से बचने के लिए जरूरी हैं।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा, 'तमाम इंतजाम किए गए हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा ताकि स्टूडेंट की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सोशल डिस्टेंसिंग को बनाने के लिए परीक्षा केंद्रों में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सभी गाइडलाइंस माने जाएंगे।'
'चेंज डॉट ओआरजी' पर स्टूडेंट की मुहिम
दरअसल 'चेंज डॉट ओआरजी' पर चल रही एक याचिका में छात्रों की ओर से कहा गया है, ‘भारत में हालात हर दिन बदतर होते जा रहे हैं। देश में पिछले साल जब कुछ ही मामले थे तो बाकी की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई थी लेकिन अब जब मामले सबसे ज्यादा हैं तो वे स्कूलों को खोलने की योजना बना रहे हैं। हम शिक्षा मंत्री से इस मामले पर विचार करने और इस साल होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध करते हैं। छात्र पहले ही बहुत तनाव में हैं।'
बता दें कि आमतौर पर हर साल प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी में कराई जाती हैं और लिखित परीक्षा फरवरी से लेकर मार्च तक चलती है। हालांकि, पिछली बार देर सत्र प्रारंभ होने और कोरोना महामारी के कारण परीक्षाओं को इस साल मई-जून में कराने का निर्णय लिया गया है।
बोर्ड ने पिछले साल ये भी घोषणा की थी कि अगर कोई छात्र घर में किसी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण प्रैक्टिकल एग्जाम में नहीं आ पाता है तो स्कूल दोबारा से उसकी परीक्षा के प्रबंध करेगी।
बता दें कि पिछले साल ही मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से स्कूल बंद कर दिए गए थे। पिछले साल कुछ राज्यों में स्कूल फिर खोले भी गए लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद इन्हें दोबारा बंद कर दिया गया है। पिछले ही साल बोर्ड परीक्षाओं को भी बीच में बंद करना पड़ा था और फिर बाद में देर से नतीजों की घोषणा की गई थी।