बाढ़ का प्रकोपः जम्मू-उत्तराखंड में भूस्खलन से 9 की मौत, केरल में अक तक 76 मरे, देश भर में बचाव अभियान जारी
By भाषा | Published: August 12, 2019 06:20 PM2019-08-12T18:20:37+5:302019-08-12T18:20:37+5:30
बाढ़ प्रभावित राज्यों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 173 हो गयी है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों के कई इलाकों में बारिश थम गयी है, जहां 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और जलमग्न इलाकों से जलस्तर घटना शुरू हो गया है।
उत्तराखंड और जम्मू में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गयी, जबकि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में सोमवार को भी बचाव अभियान जारी है।
बाढ़ प्रभावित राज्यों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 173 हो गयी है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों के कई इलाकों में बारिश थम गयी है, जहां 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और जलमग्न इलाकों से जलस्तर घटना शुरू हो गया है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार मानसूनी बारिश के प्रकोप के चलते केरल में सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गयी जबकि कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में अब तक 97 लोगों की मौत हुई है। गुजरात के कच्छ जिले में बाढ़ में सड़क बह जाने के कारण वहां फंसे करीब 125 लोगों को वायुसेना ने निकाला जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र में भारी बारिश एवं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है।
Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat has expressed grief on death of 6 people due to cloud-burst in Chamoli's Ghat area & has directed District Administration to expedite rescue& relief operations & to provide immediate financial & other required help to those affected.(File pic) pic.twitter.com/ZtA8Lffj2C
— ANI (@ANI) August 12, 2019
भारी बारिश और भूस्खलन से जूझ रहे पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में तीन अलग-अलग गांवों में एक महिला और नौ महीने की उसकी बेटी समेत छह लोग भूस्खलन की चपेट में आकर जिंदा दफन हो गये। चुफलागड नदी में आयी बाढ़ के तेज बहाव में इसके तट पर बनी दो इमारतें बह गयीं। देहरादून में राज्य आपदा अभियान केंद्र ने बताया कि जिले के घाट इलाके में बंजबगड, अलीगांव और लांखी गांव में तीन घरों पर भूस्खलन का मलबा गिर जाने से वहां रहने वाले लोग फंस गये। केंद्र ने बताया कि छह लोगों की दम घुटने से मौत हो गयी।
रियासी जिले में भूस्खलन के दौरान एक बड़े पत्थर के नीचे आ जाने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भूस्खलन के दौरान एक बड़े पत्थर के नीचे आ जाने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी। घटना जिले के महोर क्षेत्र के लार गांव में रविवार शाम को हुई, जिसमें दो लोग घायल हुए हैं।
इस बीच बाढ़ प्रभावित कई राज्यों में सोमवार को कई सड़कें यातायात की आंशिक आवाजाही के लिये खोल दी गयीं, जिसमें सिर्फ जरूरी सामान से लदे ट्रकों को यातायात की मंजूरी दी गयी। बाढ़ का पानी घटने के बाद महाराष्ट्र में कोल्हापुर के पास पिछले छह दिन से बंद मुंबई-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग-4 को सोमवार को यातायात के लिये आंशिक रूप से खोल दिया गया और जरूरी सामान से लदे वहां फंसे हजारों ट्रकों को आगे जाने की इजाजत दी गयी।
Belagavi: Locals in Shiragur village of Raibag invited Major Rathore of Army's Maratha Light Infantry and his team conducting rescue & relief operations in the flood-hit area, to celebrate #EidAlAdha with them. #Karnatakapic.twitter.com/kMrywgEMU9
— ANI (@ANI) August 12, 2019
कोल्हापुर और कर्नाटक के बेलगाम के बीच यातायात की भी मंजूरी दी गयी। बाढ़ प्रभावित राज्यों में एहतियात बरता जा रहा है क्योंकि अधिकतर नदियां उफान पर हैं और जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केरल में अपने वायनाड संसदीय क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित पुथुमाला समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
एनडीआरएफ, वायुसेना, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), वायुसेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार का दिन उमस भरा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस बना रहा।
सुबह साढ़े आठ बजे तक हवा में नमी का स्तर 84 प्रतिशत दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे तक सफदरजंग वेधशाला ने 0.2 मिमी बारिश जबकि लोधी रोड में यह 0.8 मिमी दर्ज किया गया। ओडिशा में मौसम विभाग केंद्र ने बताया कि राज्य में बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बनने के चलते वहां अगले तीन दिनों में फिर से बारिश हो सकती है।
पिछले सप्ताह भी राज्य में बारिश हुई थी। राज्य के दक्षिण एवं पश्चिम क्षेत्र में कम से कम नौ जिले बारिश से प्रभावित हैं। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से सटे उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बनने से राज्य के अधिकतर हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं जोरदार बारिश हो सकती है।
#WATCH A crocodile lands on roof of a house in flood-affected Raybag taluk in Belgaum. #Karnataka (11.08.19) pic.twitter.com/wXbRRrx9kF
— ANI (@ANI) August 12, 2019
अगले 24 घंटे में मयूरभंज, सोनपुर, क्योंझर, बलांगीर, बरगढ़, कालाहांडी, कंधमाल, रायगड़, नयागढ़ और पुरी समेत उत्तर तटीय ओडिशा एवं राज्य के पश्चिमी तथा उत्तरी हिस्सों में जोरदार बारिश का अनुमान है। इसी तरह से भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, कंधमाल, रायगड़ और कालाहांडी के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को दक्षिण ओडिशा के अंदरूनी हिस्सों और सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर और बरगढ़ में कहीं भारी और कहीं जोरदार भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। इस दौरान मयूरभंज, क्योंझर, गजपति, गंजम, नयागढ़, खोर्धा, पुरी, जाजपुर, जगतसिंहपुर, अंगुल और ढेंकनाल में छिटपुट जगहों पर भारी बारिश होने का अनुमान है।
मछुआरों को अगले 48 घंटे समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि हीराकुंड बांध के दायरे में रहने वाले लोगों को चेतावनी जारी की गयी है क्योंकि बैराज में जलस्तर 675 फुट को पार गया है जबकि इसकी क्षमता 630 फुट है।
हीराकुंड बांध के मुख्य अभियंता के. नायक ने कहा कि हालात को देखते हुए 14 अगस्त को बांध के फाटक से पानी छोड़ा जायेगा।