गुजरात में 22.5 लाख प्रवासियों में 7512 प्रवासी यात्रा भत्ता पाने के लिये योग्य हैं: कोर्ट में राज्य सरकार
By भाषा | Published: May 23, 2020 07:32 PM2020-05-23T19:32:59+5:302020-05-23T19:32:59+5:30
गुजरात सरकार ने कहा कि 31 मई तक सिर्फ 1.5 लाख प्रवासी कामगार सूरत में बचे रह गये होंगे , जिनमें से 1.15 लाख काम पर लौट चुके हैं।
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय को राज्य सरकार ने यह बताया है कि राज्य में अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के तहत सिर्फ 7,512 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया और वे यात्रा भत्ता के लिये पात्र हैं। सरकार ने एक जनहित याचिका पर अपने लिखित जवाब में न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति आई जे वोरा की खंडपीठ को शुक्रवार को यह जानकारी दी कि राज्य के श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक करीब 22.5 लाख अंतरराज्यीय कामगार गुजरात में रहते हैं।
इसमें कहा गया है , ‘‘ लेकिन 1979 का यह अधिनयिम सिर्फ 7,512 कामगारों पर लागू होता है , जिन्होंने अधिनियम के तहत पंजीकरण कराया था। ’’ इसमें कहा गया है , ‘‘22.5 लाख प्रवासी कामगारों में से ज्यादातर लोग खुद ही आये थे और अधिनियम की धारा 14 और 15 के तहत उनके लिये यात्रा एवं विस्थापन भत्ता लागू नहीं होता है। ’’
धारा 14 और 15 के तहत ठेकेदारों द्वारा कामगारों को यात्रा एवं विस्थापन भत्ता देने की जरूरत है। अदालत अधिवक्ता आनंद याज्ञनिक की एक जनहित याचिका पर और स्वत : संज्ञान वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सरकार ने कहा कि 22.5 अंतरराज्यीय प्रवासी कामगारों में 11.5 लाख नियोजित हैं और वे सूरत में तथा उसके आसपास के इलाकों में हैं।
सरकार ने कहा कि 31 मई तक सिर्फ 1.5 लाख प्रवासी कामगार सूरत में बचे रह गये होंगे , जिनमें से 1.15 लाख काम पर लौट चुके हैं। गुजरात के अन्य जिलों के करीब 3.94 लाख कामगार भी सूरत में नियोजित थे लेकिन उनमें से ज्यादातर लोग 30,975 बसों से अपने गृह नगर लौट गये।