'निहत्थे नहीं थे हमारे सैनिक लेकिन...', लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने राहुल गांधी के सवालों का विदेश मंत्री ने दिया जवाब

By स्वाति सिंह | Published: June 18, 2020 06:19 PM2020-06-18T18:19:27+5:302020-06-18T18:19:27+5:30

पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए । इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाए।

'Our soldiers were not unarmed but ...', Foreign Minister replied to Rahul Gandhi's questions about sending unarmed soldiers to the Ladakh border | 'निहत्थे नहीं थे हमारे सैनिक लेकिन...', लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने राहुल गांधी के सवालों का विदेश मंत्री ने दिया जवाब

विदेश मंत्री ने राहुल के ट्वीट को री-ट्वीट किया और सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने की बात को सिरे से खारिज

Highlightsभारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाए। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है।

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाए। जिसके बाद केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ' चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की हिम्मत कैसे की?' उन्होंने आगे लिखा, 'हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया?' इस ट्वीट में राहुल गांधी ने  'निहत्थे' शब्द पर खास जोर दिया है। 

विदेश मंत्री ने इस ट्वीट को री-ट्वीट किया और सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। उन्होंने लिखा, ''हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।' जयशंकर ने चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के वक्त हथियारों का उपयोग नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, 'गतिरोध के वक्त हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (19966 और 2005 समझौतों के तहत) रही है।'

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में चीनी सैनिकों की कथित घुसपैठ से जुड़ी खबरों की पृष्ठभूमि में सवाल किया कि क्या सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ? उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘क्या भारत सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ?’’ 

पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए । पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है । सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए । लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।” सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी “उसी अनुपात में” हताहत हुए हैं । 

Web Title: 'Our soldiers were not unarmed but ...', Foreign Minister replied to Rahul Gandhi's questions about sending unarmed soldiers to the Ladakh border

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