याद रखे दुनियाः मरने से पहले चार लोगों को नया जीवन दे गई 13 साल की बच्ची, जानें पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 20, 2021 01:49 PM2021-07-20T13:49:24+5:302021-07-20T13:50:45+5:30
चंडीगढ़ और मुंबई में अंग विफलता से पीड़ित चार रोगियों की मदद करने के लिए अपने अंगों को दान कर दिया।
चंडीगढ़ः 13 साल की लड़की ने मरने से पहले वो काम किया, जिसे दुनिया याद रखेगी। एक 13 वर्षीय बच्ची ने चार लोगों को नया जीवन दे दिया।
चंडीगढ़ की 13 वर्षीय एक लड़की के अंगों से चंडीगढ़ और मुंबई में चार रोगियों को नया जीवन मिला है। लड़की को ‘सेरेब्रल ओडेमा’ बीमारी के बाद दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। यह जानकारी सोमवार को अस्पताल ने दी। चंडीगढ़ की लड़की आठ जुलाई को सेरेब्रल ओडेमा के कारण अचेत हो गई थी और उसे सेक्टर-16 के सरकारी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बहरहाल, उसकी स्थिति खराब होने के चलते उसे परास्नतक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया। पीजीआईएमईआर की तरफ से जारी बयान में बताया गया, ‘‘लेकिन सभी प्रयास विफल रहे और उसे नहीं बचाया जा सका...उसे 18 जून को दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया गया।’’
इसने बताया कि पीजीआईएमईआर के प्रतिरोपण समन्वयक ने लड़की के पिता से संपर्क किया कि क्या वह अंगदान पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने अंगदान की सहमति दे दी। पीजीआईएमईआर में अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर अशोक कुमार ने बताया कि परिवार की सहमति के बाद उसके हृदय, लीवर, किडनी और कोर्निया को सुरक्षित निकाला गया।
इसके बाद पीजीआईएमईआर से चंडीगढ़ हवाई अड्डे तक ग्रीन कोरीडोर बनाकर अंगों को विमान से मुंबई भेजा गया। कुमार ने बताया कि शेष अंगों को यहां पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के रोगियों में प्रतिरोपित कर दिया गया।