भूख से मौत के आरोपों की जांच के लिए 65 वर्षीय बुजुर्ग का शव निकालने के आदेश
By भाषा | Published: June 8, 2019 11:33 PM2019-06-08T23:33:00+5:302019-06-08T23:33:00+5:30
स्थानीय मीडिया में खबरें आई थीं कि जिले के लुरगुमी काला गांव के रहने वाले रामचरण मुंडा की बुधवार को भूख से मौत हो गई।
लातेहार, आठ जून: झारखंड के खाद्य मंत्री सरयू राय ने 65 वर्षीय एक बुजुर्ग की भूख से मौत होने के आरोपों की जांच के लिए शव को खोद कर निकालने और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के निर्देश शनिवार को प्रशासन को दिए। स्थानीय मीडिया में खबरें आई थीं कि जिले के लुरगुमी काला गांव के रहने वाले रामचरण मुंडा की बुधवार को भूख से मौत हो गई। पिछले दो माह से उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा था। हालांकि प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है।
राय ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इन आरोपों को उन्होंने गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के दौरान प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। राय ने कहा, ‘‘अगर आरोप सही हैं और अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसे नियम के अनुसार सजा मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। इसमें उसे दो माह से राशन नहीं दिए जाने का आरोप भी शामिल हैं। इस बीच उन्होंने विपक्षी पार्टियों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया।
वहीं जिले के महुआदंड ब्लॉक के उप मंडलीय मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार दास ने कहा कि मुंडा की मौत भूख से नहीं हुई और उनके परिवार को वह सभी सुविधाएं मिल रही हैं जिसके वे हकदार हैं। दास ने बताया कि स्थानीय राशन विक्रेता की तीन माह पहले मौत हो गई थी और उसके बाद उनकी पत्नी ने गांव में जन वितरण प्रणाली की जिम्मेदारी संभाल ली है।
दास ने कहा कि प्रशासन ने राशन बांटने के ऑफलाइन रिकॉर्ड रखने के निर्देश जारी किए हैं। मुंडा और उसके परिवार को दो हजार रुपए और 50 किलो चावल दिए गए थे। गौरलतब है कि स्थानीय मीडिया में मौत की खबर आने के बाद अनेक नेता मुंडा के घर गए थे।