नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण एवं उत्पीड़न के मामले में जांच के आदेश

By भाषा | Published: June 10, 2021 11:30 PM2021-06-10T23:30:21+5:302021-06-10T23:30:21+5:30

Order for investigation in the case of sexual abuse and harassment of minor girls | नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण एवं उत्पीड़न के मामले में जांच के आदेश

नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण एवं उत्पीड़न के मामले में जांच के आदेश

जमशेदपुर, 10 जून झारखंड राज्य-पंजीकृत एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की जांच का आदेश दे दिया गया है, जबकि आश्रयगृह से 40 नाबालिग बच्चों को दूसरे आश्रयगृह में स्थानांतरित किया जा रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस जांच का आदेश आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों की शिकायतों पर दर्ज की गई प्राथमिकी के मद्देनजर दिया गया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका लगभग चार साल से यौन उत्पीड़न किया जा रहा था और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। आश्रयगृह ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित था, जिसका संत टेरेसा द्वारा स्थापित सिस्टर्स ऑफ चैरिटी से कोई संबंध नहीं है।

यद्यपि जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार ने बताया कि उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें पुलिस, प्रशासन एवं सभी संबद्ध विभागों के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से इस महिला आश्रयगृह के 40 अल्पवयस्क बच्चों को दूसरे आश्रय गृह में स्थानांतरित किया जा रहा है।

जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम तमिलवानन ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि दोनों नाबालिगों ने संचालक समेत अन्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी जांच हो रही है।

उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के टेल्को थानाक्षेत्र के ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ के संचालक हरपाल सिंह थापर, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की, वार्डेन गीता देवी, उसके पुत्र आदित्य सिंह, टोनी डेविड समेत अन्य के खिलाफ उनके द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह की दो नाबालिग लड़कियों ने यौन शोषण एवं उत्पीड़न की प्राथमिकी दर्ज करायी है।

इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि नामजद आरोपियों के संभावित ठिकानों तक पहुंचने के लिए टेल्को थाने की पुलिस ने संचालक के करीबी पांच लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है।

इस बीच उपायुक्त ने बताया कि विवादित ट्रस्ट के संचालक समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज कराने वाली दोनों नाबालिग लड़कियां वापस मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट जाने को तैयार नहीं थीं। उन्होंने बताया कि दोनों डरी-सहमी हुई हैं जिसके कारण दोनों को सरायकेला-खरसावां जिले की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया।

जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक एम तमिलवानन ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि दोनों नाबालिगों ने संचालक समेत अन्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी जांच की जा रही है।

जमशेदपुर की बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की को मामले में नामजद आरोपी बनाये जाने के बाद तत्काल प्रभाव से पद से हटाये जाने की मांग को लेकर अनेक संगठनों ने उपायुक्त सूरज कुमार को मांग पत्र दिये हैं।

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Web Title: Order for investigation in the case of sexual abuse and harassment of minor girls

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