महामहिम द्रौपदी मुर्मू को विपक्षी नेताओं ने लिखा पत्र, केंद्र पर लगाया जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप, की तत्काल हस्तक्षेप की अपील
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 26, 2022 03:21 PM2022-07-26T15:21:22+5:302022-07-26T15:26:22+5:30
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर विपक्षी दल के नेताओं ने मौजूद सरकार पर आरोप लगाया कि वो केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को टार्गेट कर रही है।
दिल्ली: देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यभार संभालते ही विपक्ष ने उनके सामने अपनी पहली दुहाई लगा दी है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को महामहिम राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनके हस्तक्षेप की मांग की है।
विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा लिखी चिट्ठी में राष्ट्रपति मुर्मू से अपील की गई है कि मौजूद सरकार लगातार विपक्षी नेताओं को टार्गेट कर रही है और इसके लिए वो केंद्रीय एजेंसियों मसलन केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग कर रही है।
इसके साथ ही राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में विपक्ष ने सरकार द्वारा संसद में कई मुद्दों पर अपनाये जा रहे "जिद्दी रवैये" की भी बात की गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार देश में महंगाई, मूल्य वृद्धि और जीएसटी वृद्धि जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा से बचने का प्रयास कर रही है और इसके लिए संसद में चर्चा के लिए अनुमति नहीं दे रही है, जिसके कारण संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही बाधित हो रही है।
राष्ट्रपति को लिखी यह चिट्ठी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, माकपा और राष्ट्रीय जनता दल की ओर से लिखी गई है। इस पत्र में कहा गया है, "महामहिम राष्ट्रपति महोदया हम आपके ध्यान में मोदी सरकार द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की मंशा से केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा निरंतर और तीव्र दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए आपको पत्र लिखकर मौजूदा हालात में केंद्र सरकार की कार्यशैली से आपको अवगत कराया जा रहा है।"
पत्र में विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की है कि वो इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल मामले में संज्ञान लें और स्वस्थ्य लोकतंत्र की परंपरा को बचाने के लिए फौरन आवश्यक हस्तक्षेप करें।
विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार इस बात को समझने का प्रयास करे कि "कानून कानून है और इसे बिना किसी डर या पक्षपात के समान रूप से लागू किया जाना चाहिए"।
उनका कहना है, "लेकिन कानून का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और इसके बेजा उपयोग पर पौरन लगाम लगानी चाहिए क्योंकि वर्तमान सरकार के समय में इसका मनमाने ढंग से, चुनिंदा मामलों में और बिना किसी औचित्य के केवल और केवल विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है।"
केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा, "केंद्र की दूषित मानसिकता से चलाये जा रहे अभियान का एकमात्र उद्देश्य विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को नष्ट करना और भाजपा के खिलाफ वैचारिक और राजनीतिक रूप से लड़ने वाली ताकतों को कमजोर करना है।"
विपक्ष ने कहा कि हमारा एक ही प्रयास है कि देश के लोगों का ध्यान आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि, बढ़ती बेरोजगारी और आजीविका के नुकसान के साथ-साथ जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की बढ़ती असुरक्षा के प्रति उन्हें जागरूक किया जा सके। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)