'हिम्मत है तो विरोधी पार्टी राफेल पर चर्चा के लिए आए'

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 18, 2018 10:09 AM2018-12-18T10:09:17+5:302018-12-18T10:09:35+5:30

न्यायालय ने बताया कि सरकार और नेताओं की ओर से निविदा का चयन करते समय किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया.

Opposition parties have come to discuss' Rafael': Hansraj Ahir | 'हिम्मत है तो विरोधी पार्टी राफेल पर चर्चा के लिए आए'

फाइल फोटो

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से 'राफेल' मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अंबानी पर लगाए गए सभी आरोपों का केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने निषेध किया है.

साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि यदि हिम्मत है तो राफेल खरीदी मामले में चर्चा के लिए विरोधी पार्टियां संसद में आएं. राफेल विमान खरीदी मामले में सर्वोच्य न्यायालय ने सरकार को क्लीन चिट दी है. पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को राफेल खरीदी के संबंध में जो प्रजेंटेशन किया, वह रॉ मैटेरियल है.

उसमें कोई भी तथ्य नहीं है. गृह राज्यमंत्री अहिर ने कहा कि राफेल खरीदी 2013 में संप्रग सरकार की बनाई नियमावली के अनुसार ही है. यही मत सर्वोच्च न्यायालय का है. न्यायालय ने बताया कि सरकार और नेताओं की ओर से निविदा का चयन करते समय किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया.

इस प्रकार विमान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि फ्रांस और भारत सरकार के बीच हुए करार की कुछ गोपनीय बातें न्यायालय में हैं. देश की सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमानों की जरूरत है. 2006 से 2014 तक संप्रग सरकार में सुरक्षा मंत्री ने विमान खरीदने की अनुमति नहीं दी. साथ ही जिन्होंने खरीददारी की है, उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं. जबकि देशहित के लिए विमान खरीदी का सौदा किया है.

Web Title: Opposition parties have come to discuss' Rafael': Hansraj Ahir

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