लखीमपुर खीरी मामले में संसद में हंगामा, अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ा विपक्ष
By रुस्तम राणा | Published: December 16, 2021 02:42 PM2021-12-16T14:42:20+5:302021-12-16T14:42:20+5:30
विपक्षी सांसदों के हंगामे और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग के बाद लोकसभा 17 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली: गुरुवार को संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों के सांसदों ने लखीमपुर खीरी मामले में हंगाम किया। विपक्षी सांसदों के हंगामे और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग के बाद लोकसभा 17 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
टीएमसी सांसद डोला सेन ने मामले में कहा कि यह निंदनीय बात है कि आज़ादी के 75 साल बाद भी किसानों को गाड़ी से कुचल के मार रहे हैं और वह भी केंद्रीय गृह मंत्री की गाड़ी से। SIT की रिपोर्ट के बाद उनको पद से भी हटाएंगे और बाप-बेटे को जेल भेजेंगे।
वहीं उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, हम चाहते थे कि अजय कुमार टेनी को लेकर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा हो लेकिन राज्यसभा के सभापति ने हमारी अपील सुने बिना सदन को स्थगित कर दिया। नियम 267 के तहत कुछ सुनने के बाद फैसला लिया जाता है कि सदन में बहस हो सकती या नहीं।
इससे पहले निलंबित राज्यसभा सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि संसद को परिवार के पॉलिटिकल पाखंड की प्रयोगशाला बनने नहीं दिया जाएगा। जो लोग संसद नहीं चलने दे रहे हैं उनको लगता है कि वे संसद की उत्पादकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे लोग संसद की उत्पादकता को नहीं बल्कि अपनी उद्दंडता को दिखा रहे हैं।
वहीं विपक्षी सांसदों के द्वारा किए जा रहे हंगामे को लेकर, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम संसद में चर्चा के लिए आह्वान कर रहे हैं। कुछ न कुछ बहाना बनाकर संसद को न चलने देना यह ठीक नहीं है। संसद चर्चा के लिए है और विपक्ष संसद के मूल कार्य को धवस्त कर रहा है जो ठीक नहीं है।