ऑपरेशन समुद्र सेतु के तहत श्रीलंका से करीब 700 भारतीयों को लाया गया वापस, अधिकतर लोग तमिलनाडु के रहने वाले
By भाषा | Published: June 3, 2020 05:28 AM2020-06-03T05:28:45+5:302020-06-03T05:28:45+5:30
Operation Samudra Setu: वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह न्यास और जिला पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यात्री जैसे ही यहां उतरे, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके सामान को संक्रमण मुक्त किया।
तूतीकोरिनः नौसेना के पोत ‘आईएनएस जलाश्व’ से श्रीलंका से मंगलवार को यहां करीब 700 भारतीय पहुंचे जिनमें अधिकतर तमिलनाडु के रहने वाले हैं। श्रीलंका में कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के कारण ये भारतीय वहां फंसे हुए थे। सऊदी अरब के दम्मम से गल्फ एयर के विमान से 169 लोग चेन्नई पहुंचे और उन्हें पृथक-वास नियमों के तहत राज्य की राजधानी में होटलों एवं एक शैक्षणिक संस्थान में ठहराया गया। यह जानकारी चेन्नई हवाई अड्डे के सूत्रों ने दी।
वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह न्यास और जिला पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यात्री जैसे ही यहां उतरे, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके सामान को संक्रमण मुक्त किया। वीओसी बंदरगाह न्यास के मुताबिक, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यहां 700 लोग पहुंचे जिनमें चालक दल के सदस्य भी थे। इनमें 675 लोग तमिलनाडु के हैं जबकि 10 अन्य पड़ोसी राज्य केरल सहित अन्य राज्यों के हैं।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, कुल 685 यात्री यहां आए जिनमें 553 पुरुष, 125 महिलाएं और सात बच्चे शामिल हैं। बंदरगाह के अधिकारियों के मुताबिक, ‘‘लौटने वाले अधिकतर लोग वहां फंसे यात्री, कुछ मछुआरे और कामगार हैं और कुछ ‘अल्पावधि वीजा धारक’’ श्रेणी के लोग हैं जिनके वीजा की अवधि खत्म हो गई थी।’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लौटने वालों को तमिलनाडु में उनके संबंधित जिलों में सरकारी बसों से भेजा जा रहा है और उन्हें दो हफ्ते तक घर में ही पृथक-वास में रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि लौटने वाले किसी भी व्यक्ति को बुखार जैसे लक्षण नहीं थे।
आईएनएस जलाश्व सोमवार की रात को श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह से 685 लोगों को लेकर भारत रवाना हुआ था। इससे पहले भारतीय नौसेना ‘‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’’ कार्यक्रम के माध्यम से करीब 1500 भारतीयों को मालदीव से वापस ला चुकी है। यह केंद्र सरकार का कार्यक्रम है जिसके तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को हवाई एवं समुद्री से रास्ते से वापस लाया जा रहा है।