ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर कसा तंजा, बोले- "घर बैठे रहेंगे तो देश कैसे चलेगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 3, 2022 04:30 PM2022-07-03T16:30:34+5:302022-07-03T16:33:37+5:30
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर अभी से साल 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने पर जुट गये हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार का मथन कर चुके राजभर वे आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक मंच पर आने की अपील की।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर से चुनावी गोलबंदी की तैयारी कर रहे हैं।
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर अभी से साल 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने पर जुट गये हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार का मथन कर चुके राजभर वे आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक मंच पर आने की अपील की।
उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा को एक साथ आना चाहिए ताकि हम मिलकर भाजपा को हरा सकें और अगर वो ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें प्रदेश की वंचित और शोषित जनता को साथ न आने का कारण बताना चाहिए।
यूपी की सियासत में सपा के साथ गठबंधन करके योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने चुनौती पेश करने की कोशिश कर रहे राजभर ने सपा और बसपा के बारे में कहा, "वे गरीबों और शोषितों के शुभचिंतक बनकर उन्हें धोखा क्यों दे रहे हैं। मुझे लगता है कि जब गरीब और वंचित उनके लिए लड़ रहा है, तो भला वो क्यों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।"
ओपी राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में या तो दोनों साथ आये या फिर अपने-अपने समाज को जाकर बताएं कि आखिर वे किस कारण साथ में चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। मेरी तो दोनों दलों को सलाह है कि वो साथ आयें और चुनाव में भाजपा के मिलकर मुकाबला करें।
यूपी विधानसभा चुनावों में सपा के साथ गठबंधन करके छह सीटें जीतने वाले ओमप्रकाश राजभर ने कहा अखिलेश यादव के साथ गठबंधन के भविष्य के विषय में पूछे जाने पर कहा कि अभी तक तो गठबंधन चल रहा है, भविष्य के बारे में अभी से क्या कहा जाए।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे, उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से अपनी तरफ से इस संबंध में पूरा प्रयास करूंगा और मेरा फर्ज भी है।"
राजभर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ की सीट, जिसे अखिलेश यादव ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीता था, लेकिन विधानसभा की सदस्यता लेने के बाद अखिलेश यादव ने उसे छोड़ा तो वह सीट बसपा के कारण भाजपा की झोली में चली गई।
अखिलेश यादव का समीकरण बिगाड़ने के लिए मायावती ने उस सीट से बसपा गुड्डू जमाली को मैदान में उतार दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि मुस्लिम मतदाताओं में भारी विभाजन हुआ और जमाली ने 2.5 लाख से अधिक वोट हासिल करते हुए सपा के धर्मेद्र यादव को चुनाव हरवा दिया। सपा का गढ़ माने जाने वाली आजमगढ़ की लोकसभा सीट पर भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज कर ली।
यह पूछे जाने पर कि लोकसभा चुनाव के लिए वो अखिलेश यादव को क्या संदेश देंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा, "संदेश साफ है, मैं गांवों में रहता हूं, लोगों के साथ रहता हूं, बूथ, सेक्टर समितियों के साथ बैठक करता हूं और अपना आधार मजबूत बना रहा हूं। अखिलेश यादव को भी वैसा करना चाहिए। अगर हम सब घर बैठे रहेंगे तो देश कैसे चलेगा।"