प्रशांत किशोर बोले, JDU ने संसद में नागरिकता बिल का समर्थन क्यों किया, नीतीश कुमार से पूछिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 30, 2019 03:00 PM2019-12-30T15:00:27+5:302019-12-30T15:00:27+5:30

भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के गठबंधन के भविष्य के बारे में बात करते हुए, प्रशांत किशोर ने कहा कि दोनों पार्टियों का गठबंधन अच्छी तरह से काम कर रहा है।

'Only Nitish Kumar Can Tell': Prashant Kishor Again Questions JDU's Support to CAA, Slams Congress Top Brass | प्रशांत किशोर बोले, JDU ने संसद में नागरिकता बिल का समर्थन क्यों किया, नीतीश कुमार से पूछिए

नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

Highlightsजेडीयू नेता प्रशांत कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी ने स्वयं कहा था कि एनआरसी नहीं लागू होगा।CAA धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करता है इसलिए यह लोगों में धार्मिक रूप से भेदभाव उत्पन्न करता है-किशोर

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि यह केवल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बता सकते हैं कि पार्टी ने किन कानूनों के तहत नागरिकता संशोधन विधेयक का दोनों सदनों में समर्थन किया। 

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून पर जेडीयू के सोशल मीडिया पर समर्थन करने पर नाराजगी व्यक्त  की। इसके साथ ही इस मुद्दे पर उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। मीडिया के कुछ वर्ग से मिली खबर के मुताबिक नागरिकता संशोधन विधेयक पर पार्टी के समर्थन के बाद प्रशांत किशोर ने अपनी ओर से इस्तीफे की पेशकश भी की थी। 

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को "भेदभावपूर्ण" करार देते हुए किशोर ने कहा कि बिल का हर स्तर पर विरोध हुआ है। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा, "मैं  यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनआरसी और CAA पर जेडीयू का रुख विरोधात्मक है। संसद की स्थायी समिति के रिकॉर्ड की जांच करें, पहला असंतोष नोट हमारी पार्टी का है।  दोनों सदनों में वोट के दौरान जेडीयू ने  इस बिल का समर्थन किया है और यह किन परिस्थितियों में हुआ यह केवल नीतीश कुमार बता सकते हैं।" 

उन्होंने आगे कहा, "हम मानते हैं कि यदि आप CAA को  एनआरसी के साथ लिंक नहीं करते हैं तो यह भयावह नहीं है। साथ ही अधिनियम के रूप में भी CAA भेदभावपूर्ण नहीं है। लेकिन यदि आप इसे एनआरसी के साथ लिंक करें तो यह न सिर्फ धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, बल्कि वर्ग के आधार पर भी प्रभाव डालता है।" किशोर ने कहा, 'जब एनआरसी लागू होगी तो यह करोड़ों लोगों को प्रभावित करेगी, विशेष रूप से उन गरीबों को  जो आवश्यकतानुसार दस्तावेज़ को नहीं साबित कर सकते, उन्हें यह साबित करने के लिए बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही उनके पूर्वज जो इसी देश के नागरिक हैं, वो आय के साथ-साथ तार्किक चुनौतियों का सामना भी कर सकते हैं। यह गरीबों के सामने एक बड़ी समस्या के रूप में है। जेडीयू के अनुसार NRC नहीं लागू होना चाहिए।" 

जेडीयू नेता प्रशांत कुमार ने कहा नीतीश कुमार जी ने स्वयं कहा था कि एनआरसी नहीं लागू होगा। उन्होंने कहा, " नागरिकता कानून संविधान के प्रावधान के अनुरूप नहीं है क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर नागरिकता देने की अनुमति नहीं देता है। CAA धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करता है इसलिए यह लोगों में धार्मिक रूप से भेदभाव उत्पन्न करता है। यह अपने आप में एक बड़ा मुद्दा है और इसका विरोध किया जाना चाहिए, लेकिन जब आप इसे  एनआरसी से जोड़ते हैं तो यह और भी व्यापक हो जाता है।"

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेडीयू के गठबंधन के भविष्य के बारे में बात करते हुए, किशोर ने कहा कि दोनों पार्टियों का गठबंधन अच्छी तरह से काम कर रहा है। दोनों पार्टियों के बीच कोई समस्या नहीं है। उन्होंने हाल ही में  झारखंड चुनाव में हुई सत्तारूढ़ बीजेपी की करारी हार पर भी बात की। किशोर ने कहा, "हर चुनाव अपने आप में अनूठा होता है। लोकसभा तथा राज्य सभा दोनों का चुनाव अपने आप में अलग होता है। अलग-अलग चुनावों में कोई पैटर्न जुड़ा नहीं है, यह एक सैद्धांतिक अभ्यास है जिसके बारे में आप बात कर सकते हैं, आप दोनों को एक दूसरे से जोड़ने का प्रयास कर सकते हैं लेकिन हर चुनाव अलग होता है। चुनाव विभिन्न पहलुओं पर लड़ा जाता है, विभिन्न मुद्दों पर, आप इसे आपस में जोड़ नहीं कर सकते हैं। झारखंड और बिहार चुनाव दोनों एक दूसरे से अलग हैं।"

किशोर राजनीतिक रणनीतिक फर्म इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (IPAC) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने कहा, जेडीयू के साथ काम करना और IPCA को सलाह देना एक आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन इसमें कोई  विरोध की स्थिति  भी नहीं है।

उन्होंने कहा, "दो चीजें हैं मैं बिहार सरकार में नहीं हूं और जहां तक ​​मेरे अन्य काम का सवाल है, यह सार्वजनिक कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत है।  आईपैक एक संगठन है जिसे कुछ साल पहले शुरू किया गया था। यह मेरी निजी संपत्ति नहीं है। यह युवाओं के लिए एक मंच है जो बिना पार्टी से जुड़े राजनीतिक प्रचार और नेताओं के साथ काम करने का अवसर प्रदान करता है। इससे जुड़े रहना  मेरे लिए आवश्यक है। जब भी उन्हें मेरी जरूरत होती है  मैं केवल उतना ही समय देता हूं। ममता जी के साथ काम करने वाले आईपैक के साथ मैं हर बार अपना समय बंगाल में बिताता हूं। उन्होंने कहा, " मैं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) या बंगाल  राजनीति में शामिल नहीं हूं,  आईपैक उनका समर्थन कर रहा है, जब भी संगठन को मेरी आवश्यकता होती है, मैं उनकी सहायता करता हूं।"

Web Title: 'Only Nitish Kumar Can Tell': Prashant Kishor Again Questions JDU's Support to CAA, Slams Congress Top Brass

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