महाकाल मंदिर में शीघ्र प्रोटोकॉल दर्शन बुकिंग के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू हुई
By बृजेश परमार | Published: February 4, 2023 04:23 PM2023-02-04T16:23:41+5:302023-02-04T16:25:21+5:30
शुक्रवार से श्रद्धालु घर बैठकर ऑनलाइन माध्यम से महाकाल मंदिर की वेब साईट www.shreemahakaleshwar.com पर जाकर 250 रुपए भुगतान कर प्रोटोकॉल दर्शन बुक करा सकेंगे। दर्शन के लिए मंदिर के विशेष द्धार से ऐसे श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।
उज्जैन: महाकाल मंदिर में शीघ्र प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था को आनलाईन कर दिया गया है। शुक्रवार से श्रद्धालु घर बैठकर ऑनलाइन माध्यम से महाकाल मंदिर की वेब साईट www.shreemahakaleshwar.com पर जाकर 250 रुपए भुगतान कर प्रोटोकॉल दर्शन बुक करा सकेंगे। दर्शन के लिए मंदिर के विशेष द्धार से ऐसे श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अधिकृत बयानों के अनुसार राज्य सरकार के अधीन आने वाले अति विशिष्ट प्रोटोकॉल धारक को छोड़कर अन्य प्रोटोकॉल लेने वाले भक्त ऑनलाइन 250 रुपए की टिकट लेकर दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में प्रोटोकॉल के तहत अतिविशिष्ट वीआईपी जिन्हे शासन से प्रोटोकाल सुविधा प्राप्त है। ऐसे वीआईपी को छोड़कर प्रोटोकाल के माध्यम से दर्शन को जाने वाले अन्य श्रद्धालुओं को भी 250 रूपए का टिकट लेने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।
एक फरवरी से शुरू हुई व्यवस्था को शुक्रवार से ऑनलाइन कर दिया गया है। इसे मंदिर की वेबसाइट पर जाकर बुक किया जा सकेगा। श्रद्धालु www.shreemahakaleshwar.com साईट पर जाकर प्रोटोकॉल दर्शन के लिए नाम और बाकी जानकारी भरेंगे वैसे मोबाइल पर एक लिंक आएगी जिसके बाद 250 रुपए ऑनलाइन जमा कर टिकट बुक कर सकते हैं।
टिकट बुक होते ही मोबाइल पर टिकट आएगा उसका प्रिंट बाहर से ले सकते हैं या फिर बड़े गणेश मंदिर के पास बने प्रोटोकॉल कार्यालय पर जाकर प्रिंट ले सकते है। इसके बाद गेट नंबर 13 से प्रोटोकॉल धारक की इंट्री होगी। खास बात ये है कि गेट पर खड़े मंदिर के कर्मचारी सभा मंडप से होते हुए गणेश मंडप तक दर्शन कराने साथ ले जाएंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है। इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित हैं।