किसान ने कर्ज लेकर की प्याज की खेती, अब बन गए करोड़पति
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 16, 2019 08:26 AM2019-12-16T08:26:03+5:302019-12-16T08:26:03+5:30
मल्लिकार्जुन कहते हैं, यह अब तक का सबसे बड़ा जोखिम था. अगर फसल खराब हो जाती या कीमतें गिर जातीं तो मैं बुरी तरह फंस जाता. पर, इसी प्याज ने अब मेरे परिवार की किस्मत बदल दी है. 240 टन प्याज ने बदल दी किस्मत मल्लिकार्जुन ने 240 टन प्याज (लगभग 20 ट्रक) की बंपर फसल पैदा की है. ऐसे में जब प्याज की कीमत करीब 200 रु पए प्रति किलोग्राम रही, उन्हें खूब मुनाफा हुआ. हालांकि जब उन्होंने 15 लाख रु पए का निवेश किया था तो उम्मीद लगाई थी कि 5-10 लाख रु पए का लाभ होगा.
जब प्याज ग्राहकों को रु ला रहा है और कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं, कर्नाटक का एक किसान इसी के जरिए करोड़पति बन गया है. जी हां, चित्रदुर्ग जिले के डोड्डासिद्वावनहल्ली निवासी मल्लिकार्जुन की किस्मत ने अचानक करवट ली. प्याज की कीमतें बढ़ीं और एक महीने के भीतर कर्ज में डूबे मल्लिकार्जुन करोड़पति बन गए. इतना ही नहीं, आसपास के किसानों के लिए मल्लिकार्जुन अब आदर्श बन गए हैं और लोग उनसे खेती के गुर सीखने के लिए आने लगे हैं. 42 वर्षीय मल्लिकार्जुन ने कर्ज लेकर प्याज की खेती की थी.
मल्लिकार्जुन कहते हैं, यह अब तक का सबसे बड़ा जोखिम था. अगर फसल खराब हो जाती या कीमतें गिर जातीं तो मैं बुरी तरह फंस जाता. पर, इसी प्याज ने अब मेरे परिवार की किस्मत बदल दी है. 240 टन प्याज ने बदल दी किस्मत मल्लिकार्जुन ने 240 टन प्याज (लगभग 20 ट्रक) की बंपर फसल पैदा की है. ऐसे में जब प्याज की कीमत करीब 200 रु पए प्रति किलोग्राम रही, उन्हें खूब मुनाफा हुआ. हालांकि जब उन्होंने 15 लाख रु पए का निवेश किया था तो उम्मीद लगाई थी कि 5-10 लाख रु पए का लाभ होगा. लेकिन प्याज की बढ़ी कीमतों ने कई गुना लाभ उन्हें पहुंचा दिया.
अब और खेत खरीदना चाहते हैं मल्लिकार्जुन अब बेंगलुरु से 200 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में खेती के क्षेत्र में एक सेलिब्रेटी की तरह हो गए हैं. सभी किसान उन्हें अपना आदर्श मानने लगे हैं वह कहते हैं, मैंने अपना कर्ज चुका दिया है. अब मैं एक सुंदर घर बनाने की योजना बना रहा हूं. इसके साथ ही खेती के विस्तार के लिए और जमीन खरीदना चाहता हूं. 2004 से उगा रहे हैं प्याज मल्लिकार्जुन, जिनके पास 10 एकड़ जमीन है, प्याज उगाने के लिए उन्होंने पट्टे पर 10 एकड़ जमीन ली. साथ ही लगभग 50 मजदूरों को भी काम पर रखा था.
2004 से मल्लिकार्जुन बारिश के मौसम में प्याज उगा रहे हैं. पहले नुकसान हुआ, लेकिन हार नहीं मानी मल्लिकार्जुन की मेहनत और किस्मत ने इस बार जरूर उन्हें करोड़पति बना दिया है. लेकिन, यह सफर इतना आसान नहीं रहा है. पिछले साल उनका मुनाफा लगभग 5 लाख रु पए था. मल्लिकार्जुन मानते हैं कि यह मुनाफा उनके परिवार के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन उन्होंने अतिरिक्त भूमि को पट्टे पर लिया और 20 लाख रु पए का कर्ज भी लिया. दुर्भाग्य से तब उन्होंने बड़ा नुकसान भी हुआ. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बचत के 5 लाख रु पए से दोबारा प्याज की खेती शुरू की और इस बार उनकी किस्मत पलट गई.