कृषि सुधार बिल पर PM नरेंद्र मोदी ने किसानों को लेकर विपक्ष की रीति-नीति को किया कठघरे में खड़ा, कहा- आप किसी भी तरह का ना रखें भ्रम
By एस पी सिन्हा | Published: September 18, 2020 05:42 PM2020-09-18T17:42:10+5:302020-09-18T17:42:10+5:30
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे और आज जब वही चीजें एनडीए सरकार कर रही है.
पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार में रेल परियोजनाओं के शुभारंभ को किसानों के नाम कर दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की किसानों के प्रति दूरदर्शी सोच की भी जमकर तारीफ की. बिहार को दिए गए दरभंगा एम्स और उसके लाभ के बारे में विस्तार से बताया. इससे पूर्व नरेंद्र मोदी ने बिहार से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं का हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार बिल पास हुआ है. बिल यह हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाएगा. किसानों को अपनी उपज बेचने के अनेकों अवसर और बाजार मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए की सरकार बनने के बाद शुरुआत दिनों में यह सुविधा किसानों के हित लागू कर दी थी. किसानों और ग्राहक के बीच बिचौलिए को लेकर विपक्ष पर प्रहार किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा बिचौलिए हड़प लेते थे. किसानों को ऐसे शोषणा से बचाने के लिए यह विधेयक लाया जाना बहुत आवश्यक था. कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब किसानों को भ्रमित करने की कोशिश हो रही हैं. किसानों को लेकर विपक्ष की रीति-नीति को कठघरे में खड़ा किया. कृषि से जुड़े विधेयकों पर कहा कि इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है, उन्हें आजाद किया है. मगर जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया है और सत्ता में रहे हैं, वे किसानों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कल विश्वकर्मा जयंती के दिन, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं. इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प मिलेंगे और ज्यादा अवसर मिलेंगे. मोदी ने कहा कि ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे और आज जब वही चीजें एनडीए सरकार कर रही है. किसानों को समर्पित हमारी सरकार कर रही है तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर अब ये लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी. लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं. लेकिन ये लोग, ये भूल रहे हैं कि देश का किसान कितना जागृत हैं. वो ये देख रहा है कि कुछ लोगों को किसानों को मिल रहे नए अवसर पसंद नहीं आ रहे. देश का किसान ये देख रहा है कि वो कौन से लोग हैं, जो बिचौलियों के साथ खडे हैं.
मोदी ने कहा कि अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा. ये भी मनगढंत बातें कहीं जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी. ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है. हमारी सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे वहां बेच सकता है. लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था. अब नए प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा. मैं आज देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं. आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पडिए. इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना है. ऐसे लोगों से सावधान रहें, जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं.
पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दशकों देश पर राज किया, अपने घोषणा पत्र में किसानों को यह सुविधा देने का भरोसा दिया, लेकिन हमेशा बिचौलिए के जरिए किसानों का शोषण करते रहे. किसानों से कभी अपना वायदा पूरा नहीं किया. भाजपा ने किसानों से किए अपने वायदा पूरा किया है. भाजपा किसानों के उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. एपीएमसी एक्ट से किसानों के हित मे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भूकंप की भीषण आपदा ने नौ दशक पहले मिथिला और कोसी क्षेत्र को बांट दिया था. नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे और अटल जी प्रधानमंत्री तब कोसी रेल मेगा ब्रिज की कल्पना की गई थी. 2003 में इसका शिलान्यास हुआ था. अगले वर्ष अटलजी की सरकार चली गई, और परियोजनाएं राजनीति के भेंट चढ गई. प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को मिथिलांचल और कोसी की रेल परियोजनाओं की उपेक्षा के लिए जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस के साथ पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव भी पर तंज किया. उन्होंने कहा कि 1934 के भूकंप ने बिहार के कोसी और मिथिलांचल से अलग-अलग कर दिया. लोगों को महज 22 किमी पहुंचने के लिए तीन सौ किमी दूरी तय करनी पड रही थी. उन्होंने कहा कि बिहार में 2014 से पहले यूपीए सरकार के पांच वर्षों में महज तीन सौ किमी रेल लाइन बनी. वहीं, 2014 के बाद अभी तक दो गुनी से ज्यादा यानि सात सौ किमी रेल लाइन का निर्माण पूरा हुआ है. देश में माल गाडी और यात्री गाडी अलग-अलग ट्रेक चलाने की तैयारी है. इसमें 250 किमी लंबा डेडिकेटेड रेल कॉरीडोर पर काम चल रहा है. प्रधानमंत्री ने कोरोना काल की उपलब्ध्यिां भी गिनाईं. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए बिहार के लोगों को विभिन्न शहरों से घर पहुंचाने के लिए रेलवे के काम को सराहा.