संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा- बदलाव की जरूरत, UN पर मंडरा रहा है भरोसे की कमी का संकट

By भाषा | Published: September 22, 2020 12:11 PM2020-09-22T12:11:13+5:302020-09-22T12:11:38+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि UN में कई मोर्चों पर सुधार की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि पुराने स्वरूप के साथ विश्व की मौजूदा चुनौतियों का सामना करना संभव नहीं है।

On 75th anniversary of United Nations, PM Narendra Modi says need big changes | संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा- बदलाव की जरूरत, UN पर मंडरा रहा है भरोसे की कमी का संकट

UN पर मंडरा रहा है भरोसे की कमी का संकट: पीएम मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsसंयुक्त राष्ट्र पर भरोसे की कमी का संकट मंडरा रहा है, बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत: पीएम नरेंद्र मोदीसंयुक्त राष्ट्र के तहत दुनिया में बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन मूल मिशन अभी अधूरा है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि व्यापक सुधारों के अभाव में संयुक्त राष्ट्र पर ‘‘भरोसे की कमी का संकट’’ मंडरा रहा है। उन्होंने बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जो मौजूदा वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी पक्षकारों की बात रखे, समकालीन चुनौतियों का समाधान दे और मानव कल्याण पर केंद्रित हो।

संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुलाई गई महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में सोमवार को अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की मांग ऐसे वक्त उठाई है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होने जा रहा है।

'पुराने स्वरूप के साथ मौजूदा चुनौतियों का सामना संभव नहीं'

मोदी ने कहा, ‘हम पुराने हो चुके स्वरूप के साथ आज की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते। व्यापक सुधारों के अभाव में संयुक्त राष्ट्र पर भरोसे की कमी का संकट मंडरा रहा है।’ 

संयुक्त राष्ट्र के गठन के 75वर्ष पूरे होने के मौके पर, 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक अग्रगामी राजनीतिक संकल्प को अपनाया, जिसमें आतंकवाद से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने, बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार करने, समावेशी विकास और कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने की बेहतर तैयारी का आह्वान किया गया।

मोदी ने कहा कि इस संकल्प में सुयंक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘आज परस्पर जुड़े हुए विश्व में, बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जो मौजूदा वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी पक्षकारों की बात रखे, समकालीन चुनौतियों का समाधान दे और मानव कल्याण पर ध्यान दे।’ 

'भारत सभी देशों के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक'

उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए दशकों से चले आ रहे प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और उसने कई बार कहा है कि 1945 में स्थापित ढांचा 21वीं सदी की समसामयिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है और वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए अनुपयुक्त है।

उन्होंने कहा, ‘हमारी कार्यप्रणाली को बदलते वक्त के साथ बदलने और रफ्तार पकड़ने की आवश्यकता है। हम महासचिव द्वारा किए जा रहे सुधारों का समर्थन करते हैं ... हम संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख निकायों में से तीन के सुधारों की अपनी बात दोहराते हैं। हम सुरक्षा परिषद के सुधार पर चर्चाओं में नई जान फूंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और महासभा में नयी ऊर्जा भरने और आर्थिक तथा सामाजिक परिषद को मजबूत करने के लिए काम जारी रखेंगे।’ 

मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा, ‘75 वर्ष पहले युद्ध के साये में उम्मीद की एक किरण जगी थी। मानव इतिहास में पहली बार, पूरे विश्व के लिए एक संगठन का गठन किया गया था।’ 

संयुक्त राष्ट्र का मूल मिशन अभी अधूरा

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संस्थापकों में से एक पक्ष के तौर पर भारत उस श्रेष्ठ दृष्टिकोण का हिस्सा था, जो भारत के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के दर्शन को प्रतिबिंबित करता है, जो सभी रचनाओं को एक परिवार के रूप में देखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की वजह से ही आज हमारा देश एक बेहतर स्थान है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन मूल मिशन अभी अधूरा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में प्रधानमंत्री मोदी के पहले से रिकॉर्ड भाषण की प्रस्तावना दी। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए पांच स्थायी सदस्यों में से चार देशों -अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस का व्यापक समर्थन है।

Web Title: On 75th anniversary of United Nations, PM Narendra Modi says need big changes

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