बालासोर रेल दुर्घटना: छुट्टी पर जा रहे NDRF जवान ने 'सबसे पहले' भेजा था हादसे का अलर्ट, खुद थे कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार; बाल-बाल बची जान
By विनीत कुमार | Published: June 4, 2023 09:47 AM2023-06-04T09:47:30+5:302023-06-04T09:53:04+5:30
बालासोर रेल हादसे का पहला अलर्ट एक एनडीआरएफ जवान ने ही बचावकर्मियों को भेजा था। अधिकारियों के अनुसार छुट्टी पर जा रहे एनडीआरएफ जवान वेंकटेश एन. के. खुद कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे।
नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से हुए हादसे में अभी तक कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 1100 से अधिक यात्री घायल हैं।
इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि बचाव दलों को सबसे पहले हादसे की सूचना एक एनआरएफ जवान से मिली जो खुद कोरोमंडल एक्सप्रेस पर सवार था और छुट्टी पर जा रहा था।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक जवान वेंकटेश एन. के. छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे। बालासोर में हुआ रेल हादसा भारत में पिछले तीन दशकों में हुआ सबसे बड़ा रेल हादसा है।
बाल-बाल बचे वेंकटेश एन. के.
पीटीआई के अनुसार एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि छुट्टी पर जा रहे और कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार वेंकटेश एन. के. खुद बाल-बाल बच गए क्योंकि जिस डिब्बे ‘बी-7’ में वह सवार थे। वह पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया।
इसके बाद कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के साथ तैनात 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने व्हाट्सएप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसी का इस्तेमाल कर पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया।
दिल्ली एम्स से पहुंचा डॉक्टरों का दल
हादसे के बाद लगातार बचाव कार्य जारी है। सभी हताहतों को दुर्घटना स्थल से निकाल लिया गया है लेकिन अब चुनौती घाय़लों के बेहतर इलाज की है। इसी क्रम में दिल्ली एम्स और केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों का एक दल ओडिशा रेल हादसे में घायल हुए लोगों को चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा गया है।
इस बीच हादसे की जांचकर्ता मानवीय त्रुटि, सिग्नल फेल होने और अन्य संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं। अधिकारियों ने इस भयावह रेल हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कल दुर्घटनास्थल का दौरा किया था और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ-साथ आपदा प्रबंधन दलों के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी। उन्होंने अस्पताल में कुछ घायलों से भी मुलाकात की थी।
पीएम मोदी ने कहा था रेल हादसे के लिए दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
(भाषा इनपुट)