JEE-NEET की परीक्षा कराए जाने को लेकर चल रहे घमासान के बीच ओडिशा सरकार का ऐलान, छात्रों को मुफ्त उपलब्ध कराएंगे साधन, राज्य में नहीं होगी तालाबंदी
By स्वाति सिंह | Published: August 29, 2020 04:33 PM2020-08-29T16:33:21+5:302020-08-29T16:33:21+5:30
ओडिशा सरकार का कहना है कि सूबे में नीट और जेईई परीक्षाओं के दौरान तालाबंदी नहीं रहेगी। सरकार ने शुक्रवार को घोषणा कि है कि 30 अगस्त से 7 सितंबर तक और 12 सितंबर से 14 सितंबर तक नीट और जेईई परीक्षाओं के दौरान सूबे के शहरों में लॉकडाउन नहीं होगा।
भुवनेश्वर: नीट (NEET) और JEE की प्रवेश परीक्षा को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच ओडिशा की पटनायक सरकार ने ऐलान किया है कि छात्रों को परीक्षा केंद्र तक मुफ्त साधन उपलब्ध कराया जाएगा। ओडिशा के मुख्य सचिव असित कुमार त्रिपाठी ने कहा है कि जरूरतमंद छात्रों के लिए रुकने का इंतजाम भी सरकार की ओर से कराया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य सचिव ने कहा, 'जेईई के परीक्षार्थियों के लिए किसी तरह की यात्रा संबंधी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। वे प्रवेश पत्र दिखाकर लॉकडाउन में भी आ और जा सकेंगे। जिन छात्रों के परिजन और एग्जाम करा रहे अधिकारी छात्रों के आने-जाने का इंतजाम नहीं करा पा रहे, उनके लिए सरकार इंतजाम करेगी।'
नीट और जेईई परीक्षाओं के दौरान नहीं होगी तालाबंदी
उन्होंने कहा, 'जरूरतमंद छात्रों के लिए पॉलीटेक्निक इंस्टिट्यूट्स, इंजीनियरिंग कॉलेज और आईटीआई में रुकने की व्यवस्था की जाएगी। छात्रों को उनके गृह नगर से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए बसें चलाई जाएंगी। मुख्य सचिव ने साथ ही यह भी जोड़ा कि यदि 31 अगस्त तक हमें छात्रों के संबंध में जानकारी नहीं मिलती है, तो इंतजाम करना मुश्किल हो जाएगा।'
साथ ही ओडिशा सरकार का कहना है कि सूबे में नीट और जेईई परीक्षाओं के दौरान तालाबंदी नहीं रहेगी। सरकार ने शुक्रवार को घोषणा कि है कि 30 अगस्त से 7 सितंबर तक और 12 सितंबर से 14 सितंबर तक नीट और जेईई परीक्षाओं के दौरान सूबे के शहरों में लॉकडाउन नहीं होगा।
जेईई और नीट की परीक्षा को लेकर कांग्रेस का विरोध
कोविड-19 महामारी के बीच अगले महीने जेईई और नीट की परीक्षाएं आयोजित कराये जाने पर कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर शुक्रवार को अपनी चिंता प्रकट की। इसबीच, विपक्षी दलों के नेताओं ने सितंबर में परीक्षाएं कराने की केंद्र सरकार को अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। ट्विटर पर शुक्रवार सुबह से ही ‘छात्र सुरक्षा को लेकर आवाज उठाएं’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं और अब तक इस हैशटैग के साथ 22।5 लाख से अधिक पोस्ट किए जा चुके हैं। अधिकतर छात्रों ने अपने ट्वीट में मौजूदा हालात में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में पेश आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया, तो वहीं कई अन्य छात्रों ने संक्रमण के प्रसार को देखते हुए तनाव का सामना करने की बात कही।
गैर भाजपा शासित छह राज्यों के मंत्रियों ने नीट और जेईई की परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पुनर्विचार के लिये शुक्रवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय ने 17 अगस्त को जेईई (मेन) और नीट परीक्षा को स्थगित करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों के बहुमूल्य शैक्षणिक वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता । न्यायालय ने कहा था कि जीवन चलते रहना चाहिए। एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, “500 मामले: पूर्ण लॉकडाउन, 75,000 मामले:छात्र परीक्षा देने को मजबूर हैं! छात्र सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं।”