NSSO की विवादित रिपोर्ट हुई लीक, कांग्रेस का आरोप- बेरोजगारी ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड इसलिए इसे छिपा रही है मोदी सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 31, 2019 12:08 PM2019-01-31T12:08:29+5:302019-01-31T12:43:53+5:30
कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार बेरोजगारी के रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ने की वजह से उससे जुड़ी रिपोर्ट छिपा रही है। वहीं मोदी सरकार का कहना है कि वो एएसएसओ की तिमाही रिपोर्ट पड़ताल के बाद जारी करेगी।
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने के फैसले के बाद नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन के दो गैर-सरकारी सदस्यों पीसी मोहनन और जीवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया था। रिपोर्ट को नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन को मंजूरी मिल गयी थी फिर भी मोदी सरकार ने इसे जारी नहीं किया। पीसी मोहनन इस कमीशन के कार्यकारी निदेशक थे। अब बिज़नेस स्टैडंर्ड अख़बार को रिपोर्ट की प्रति मिल गयी है जिसके अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार में बेरोजगारी पिछले 45 सालों के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गयी है। सरल शब्दों में कहें तो देश में बेरोजगारी का स्तर पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा हो गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार एक फ़रवरी को अपना अंतिम बज़ट पेश करने जा रही है। विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार अगले कुछ महीनों में होने वाले लोक सभा चुनाव के डर से बेरोजगारी के आंकड़े छिपा रही है। आइए देखते हैं कि इस लीक रिपोर्ट के आंकड़े देश में बेरोजगारी के बारे में क्या कहते हैं-
लीक रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी का स्तर वित्त वर्ष 1972-73 के बाद सबसे ज्यादा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार इस साल 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत रही जो पिछले 45 वर्षों की सबसे ज्यादा दर है। लीक रिपोर्ट के अनुसार नौजवानों में बेरोजगारी का स्तर 13 से 27 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 7.8 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3 प्रतिशत है। साल 2011-12 में देश में बेरोजगारी की दर 2.2 प्रतिशत थी।
मोहनन ने इस्तीफे के बाद साफ किया था कि उनके इस्तीफे की एक वजह पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे रिपोर्ट को जारी न किया जाना भी था।
हालाँकि सरकार का कहना है कि वो तिमाही आंकड़े का प्रसंस्करण हो रहा है और उसके बाद रिपोर्ट जारी किया जाएगा। इस्तीफा देने वाले सदस्यों के सभी आरोपों का सरकार ने खण्डन किया है।
कांग्रेस ने 'नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस' (एनएसएसओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा होने से जुड़े आंकड़े सरकार छिपा रही है और इसी वजह से राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो स्वतन्त्र सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा।
मोदी जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 31, 2019
बेरोज़गारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा!
इसीलिये आप डाटा छिपा रहे थे।
इसीलिये NSC में इस्तीफ़े हुए।
वादा था हर साल 2 करोड़ नौकरियों का, पर आपकी सरकार ने तो नौकरियाँ ख़त्म करने का रिकॉर्ड बना दिया।
देश को नहीं चाहिये,युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार! pic.twitter.com/AOdNirckNZ
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एनएसएसओ के आंकड़े पर आधारित एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'मोदी जी, बेरोज़गारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा! इसीलिये आप डेटा छिपा रहे थे। इसीलिये सांख्यिकी आयोग में इस्तीफ़े हुए।' उन्होंने कहा, 'वादा था हर साल 2 करोड़ नौकरियों का, पर आपकी सरकार ने तो नौकरियाँ ख़त्म करने का रिकॉर्ड बना दिया।'
सुरजेवाला ने कहा, 'देश को नहीं चाहिये, युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार।' उन्होंने जो खबर शेयर की है उसमें दिए गए एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही जो पिछले 45 वर्षों के दौरान उच्चतम स्तर है।