जानें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कैबिनेट मंत्री क्यों बनाया गया?
By निखिल वर्मा | Published: June 4, 2019 11:58 AM2019-06-04T11:58:14+5:302019-06-04T12:31:36+5:30
डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमलों का श्रेय भी अजीत डोभाल को दिया जाता है।
मोदी सरकार पार्ट 2 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। डोभाल इस मोदी सरकार के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं, इसका अंदाजा बात से लगा सकते हैं कि 26 मई 2014 को मोदी ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली और पांच दिनों बाद ही डोभाल को एनएसए बना दिया गया था।
2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद डोभाल की दूसरी महत्वपूर्ण नियुक्ति थी। उनसे पहले नृपेन्द्र मिश्र को मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। डोभाल 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी (आईबी) से जुड़े थे। मनमोहन सरकार पार्ट 1 में उन्हें आईबी का निदेशक बनाया गया था। 2019 में भी दोबारा मोदी सरकार बनते ही उनका एनएसए का कार्यकाल 5 सालों के लिए बढ़ा दिया गया। साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिला.
पाकिस्तान में सात सालों तक अंडरकवर एजेंट रहे डोभाल की सोशल मीडिया में छवि 'भारतीय जेम्स बॉन्ड' की तरह है। बीजेपी और संघ समर्थकों को उनसे उम्मीद रहती हैं कि वह पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देंगे। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमलों का श्रेय भी अजीत डोभाल को दिया जाता है।
अक्टूबर 2018 में सरकार में बढ़ी भूमिका
8 अक्टूबर, 2018 को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की सहायता हेतु, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक रणनीतिक नीति समूह (Strategic Policy Group : SPG) के गठन को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद देश की सुरक्षा एवं रणनीतिक हितों पर प्रधानमंत्री को सलाह देती है। यह एक कार्यकारी सरकारी संस्था है। इसके मुखिया प्रधानमंत्री होते हैं।
18 सदस्यीय एसपीजी की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं। समूह के सदस्यों में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, कैबिनेट सचिव, तीनों सेनाओं के प्रमुख, आरबीआई (RBI) गवर्नर, विदेश सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव एवं रक्षा सचिव हैं। इनके अलावा SPG में रक्षा उत्पादन एवं आपूर्ति विभाग के सचिव, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, राजस्व विभाग के सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव, अंतरिक्ष विभाग के सचिव, इंटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के सचिव शामिल होंगे।
द प्रिंट में पिछले साल छपी एक स्टोरी के अनुसार कैबिनेट सचिव एक संवैधानिक पद है पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद संवैधानिक नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता अपने लेख में एसपीजी के बारे में कहते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दूसरे मंत्रालयों के सचिवों को समन भेजकर एसपीजी की बैठक में बुला सकते हैं। दूसरा ये कि कैबिनेट सचिव “एसपीजी के निर्णयों का केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों द्वारा कार्यान्वयन का समन्वय करेंगे।”
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक हितों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने हेतु 19 नवंबर, 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) का गठन किया गया था। बृजेश मिश्रा भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उस समय इसका नेतृत्व कैबिनेट सचिव करते थे।
एनएसए और योजना आयोग के उपाध्यक्ष इसमें विशेष आमंत्रित थे। इसका कार्यालय कैबिनेट सचिवालय में था। पिछले साल एसपीजी के गठन के बाद एनएससी का दफ्तर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) में स्थानांतरित हो गया है। अब कैबिनेट सचिव की जगह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर्वेसर्वा हैं। हालांकि एसपीजी के निर्णय को कैबिनेट सचिव के जरिए ही लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए कैबिनेट मंत्री का पद जरूरी
केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिव कैबिनेट मिनिस्टर को रिपोर्ट करते हैं। जब जरूरी होता है तो किसी भी मंत्रालय के मामले में कैबिनेट सचिव सीधा हस्तक्षेप कर सकते हैं। सभी सचिवों के मुखिया कैबिनेट सचिव ही होते हैं। चूंकि एसपीजी के मुखिया अब एनएसए हो गए हैं और कैबिनेट सचिव भी इस टीम का हिस्सा हैं तो यह जरूरी हो गया कि एनएसए को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया जाए। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का बजट भी लगातार बढ़ता जा रहा है। 2016-17 में यह 81 करोड़ था जो 2017-18 में 333 करोड़ हो गया है।
इसके अलावा अजीत डोभाल पीएम मोदी सबसे भरोसेमंद चेहरों में से एक हैं। मंत्रालयों पर नजर रखने वाले पत्रकारों का कहना है कि अजीत डोभाल करीब 51 वर्षों से नौकरशाही में सक्रिय हैं और तमाम पेचीदगियों से वाकिफ हैं। उनके अनुभव को देखते हुए भी उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का पद दिया है।