असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं होगा NRC, सरकार ने संसद में बताया
By भाषा | Published: January 2, 2019 07:31 PM2019-01-02T19:31:41+5:302019-01-02T19:31:41+5:30
गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया, ‘‘नागरिकता नियमावली 2003 के तहत असम के संबंध में विशेष प्रावधानों के अंतर्गत एनआरसी 1951 को अद्यतन किया जा रहा है।
सरकार ने संसद में बताया है कि असम के अलावा अन्य राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को विस्तारित करने की कोई योजना नहीं है।
गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया, ‘‘नागरिकता नियमावली 2003 के तहत असम के संबंध में विशेष प्रावधानों के अंतर्गत एनआरसी 1951 को अद्यतन किया जा रहा है। वर्तमान में असम के अलावा अन्य राज्यों तक एनआरसी को विस्तारित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि असम में एनआरसी 1951 को नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजाकरण तथा राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी किया जाना) नियमावली 2003 के अनुसरण में अद्यतन किया जा रहा है।
असम में एनआरसी लागू करने के सरकार के अनुभव के बारे में अहीर ने बताया कि असम में एनआरसी तैयार करने के लिये मई अगस्त 2015 में आवेदन आमंत्रित किये गये थे। आवेदन की जांच और सत्यापन के बाद एनआरसी का पूर्ण प्रारूप गत वर्ष 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया।
एनआरसी प्रारूप के संबंध में 31 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां मांगी गयी थीं। इनके निपटान के बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित समय सीमा के अनुसार एनआरसी को अंतिम रूप दिया जाना है।
पूर्व में ऐसा कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में एनआरसी की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है, ताकि इसका चुनावी लाभ भाजपा को मिल सके।
हाल के दिनों में अमित शाह ने इस मुद्दे को बढ़- चढ़ कर उठाया है. राजस्थान चुनाव में इस मुद्दे को खूब उठाया गया लेकिन इसका कोई फायदा बीजेपी को चुनाव में नहीं मिला। इसलिए हो सकता है कि सरकार ने इस मुद्दे को असम तक ही सीमित रखने का फैसला किया है।