एनआरसीः 1,600 करोड़ खर्च किए, लोगों का दिल तोड़ा, जांच पूरी होने तक देश से बाहर न जा पाएं, हजेला का पासपोर्ट जब्त रखा जाए
By भाषा | Published: October 22, 2019 04:32 PM2019-10-22T16:32:01+5:302019-10-22T16:32:01+5:30
‘असम पब्लिक वर्क’ (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एक बयान में कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए हजेला एनआरसी प्रक्रिया की लेखा जांच पूरी होने तक देश से बाहर न जा पाएं।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में अद्यतन की मांग करने वाले मूल याचिकाकर्ता ने मंगलवार को सरकार से अपील की कि जब तक एनआरसी की पूरी प्रक्रिया का ऑडिट संपन्न नहीं हो जाता, तब तक के लिए एनआरसी के असम राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र और असम सरकार को निर्देश दिया था कि एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला का तबादला अधिकतम अवधि के लिए मध्य प्रदेश कर दिया जाए। ‘असम पब्लिक वर्क’ (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एक बयान में कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए हजेला एनआरसी प्रक्रिया की लेखा जांच पूरी होने तक देश से बाहर न जा पाएं।
शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी जिम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन खर्च किया हो, वह खर्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि एनआरसी एक ऐसी प्रक्रिया थी जिस पर असम के लोगों ने भरोसा जताया था लेकिन इसकी अंतिम सूची ‘‘खामियों’’ से भरी हुई थी और इसने अनेक लोगों का ‘‘दिल तोड़ दिया’’ है।
असम की बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी अंतिम रूप मिलने के बाद 31 अगस्त को प्रकाशित हुई थी और इससे राज्य में 19 लाख से अधिक आवेदकों के नाम बाहर कर दिए गए थे। एनआरसी में नाम शामिल करने के लिए 3,30,27,661 व्यक्तियों ने आवेदन किया था। इनमें से 19,06,657 लोग इस सूची से बाहर हो गए।
एपीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि एनआरसी के राज्य समन्वयक ने कुछ दस्तावेज जमा करते हुए न्यायालय को बताया था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम वास्तव में उनके तबादले के तत्काल आदेश को समझ नहीं पा रहे हैं। हमें आश्चर्य हो रहा है क्योंकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी संगठन या विभाग को आदेश जारी क्यों नहीं किया गया है।’’