असम में NRC के फाइनल ड्राफ्ट की डेडलाइन 15 दिसंबर, अभी तक 40 लाख में बस 7 लाख लोग ही कर पाए हैं दावा

By विकास कुमार | Published: December 4, 2018 02:01 PM2018-12-04T14:01:07+5:302018-12-04T14:01:07+5:30

40 लाख लोगों के नाम एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है। लेकिन अभी तक सिर्फ करीब सात लाख लोगों ने ही असम की नागरिकता सूची में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन और भारतीय नागरिकता के दावे वाले संबंधित दस्तावेज सौंपे हैं।

NRC: final deadline of NRC draft is 15 december, 7 lakh people out of 40 still have no claim | असम में NRC के फाइनल ड्राफ्ट की डेडलाइन 15 दिसंबर, अभी तक 40 लाख में बस 7 लाख लोग ही कर पाए हैं दावा

असम में NRC के फाइनल ड्राफ्ट की डेडलाइन 15 दिसंबर, अभी तक 40 लाख में बस 7 लाख लोग ही कर पाए हैं दावा

असम में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनआरसी फाइनल ड्राफ्ट के संबंध में दावे और आपत्ति दर्ज कराने के लिए 25 सितंबर को शुरू हुई प्रक्रिया 15 दिसंबर को खत्म होने वाली है। लेकिन अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं, जो नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) में अपने नाम होने का दावा नहीं कर पाए हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है। लेकिन अभी तक सिर्फ करीब सात लाख लोगों ने ही असम की नागरिकता सूची में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन और भारतीय नागरिकता के दावे वाले संबंधित दस्तावेज सौंपे हैं। जब कि दावे और आपत्ति दर्ज कराने की आखिरी तारीख में अब में सिर्फ 10 दिन ही बचे है।

बता दें कि असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निकालने के लिए सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) अभियान चलाया है। दुनिया के सबसे बड़े अभियानों में गिने जाने वाला यह कार्यक्रम डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट आधार पर है। यानी कि अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहले पहचान की जाएगी फिर उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा।

असम में घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए यह अभियान करीब 37 सालों से चल रहा है। 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान वहां से पलायन कर लोग भारत भाग आए और यहीं बस गए। इस कारण स्थानीय लोगों और घुसपैठियों के बीच कई बार हिंसक झड़पें हुईं। 1980 के दशक से ही यहां घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए आंदोलन हो रहे हैं।

इसी साल जनवरी महीने में असम में सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का पहला ड्राफ़्ट जारी किया था। इसमें असम में रहने वाले 3.29 करोड़ लोगों में से महज 1.9 करोड़ को ही भारतीय नागरिक माना गया है।

इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आती रही हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप भी देने की कोशिश की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने असम के बाद पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी की प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही थी। इस पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए गृह युद्ध छिड़ने की आशंका जताई थी। 

English summary :
After the Supreme Court's directive, the process started on 25th September to register claims and objections relating to the NRC Final Draft will end on December 15 in Assam. But there are still lakhs of people who have not been able to claim their names in the National Register of Citizens of India (NRC).


Web Title: NRC: final deadline of NRC draft is 15 december, 7 lakh people out of 40 still have no claim

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