अखिल भारत स्तर पर एनआरसी भाजपा की राजनीतिक जुमलेबाजी, कभी वास्तविकता नहीं बनेगी: ममता
By भाषा | Published: December 4, 2019 06:00 AM2019-12-04T06:00:35+5:302019-12-04T06:00:35+5:30
भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों को बाहर रखे जाने से पश्चिम बंगाल में लोगों में परोक्ष रूप से घबराहट उत्पन्न हो गई है और इससे राज्य में कथित रूप से 11 व्यक्तियों की मौत हो गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के लिए 2024 की समय-सीमा तय करने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एनआरसी को ‘‘भाजपा की राजनीतिक जुमलेबाजी’’ करार दिया। बनर्जी ने कहा कि पूरे भारत में जाति और धर्म के आधार पर नागरिक पंजी कभी भी एक वास्तविकता नहीं हो सकती क्योंकि देश में रहने वाले सभी नागरिक उसके वैध नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि एक नागरिक पंजी एक बड़ी भूल होगी क्योंकि उसे पूरे देश में विरोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने राज्य विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) नहीं आने देंगे, यह पश्चिम बंगाल में कभी नहीं आएगा। आप जाति और धर्म के आधार पर एनआरसी लागू नहीं कर सकते।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘एनआरसी भाजपा की एक राजनीतिक जुमलेबाजी है। यह कभी भी एक वास्तविकता नहीं हो सकती। वे (भाजपा) राजनीतिक जुमलेबाजी का इस्तेमाल करने में व्यस्त हैं लेकिन हमें उनके झांसे में नहीं फंसना चाहिए।
इस देश में रहने वाले सभी लोग उसके वैध नागरिक हैं और कोई भी उनकी नागरिकता नहीं छीन सकता।’’ उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर उनका विरोध केवल राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय आधार को लेकर भी है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘देश में पिछले कई दशक से रह रहे किसी व्यक्ति को आप कैसे अचानक विदेशी घोषित कर सकते हैं। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। अखिल भारतीय स्तर पर एनआरसी कभी हकीकत नहीं बनेगी।’’
बनर्जी की टिप्पणी से एक दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गत सोमवार को झारखंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए 2024 अंतिम समयसीमा तय की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ‘‘प्रत्येक’’ घुसपैठिये की पहचान की जाएगी और उसे अगले चुनाव से पहले देश से निष्कासित किया जाएगा। भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी सूची से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों को बाहर रखे जाने से पश्चिम बंगाल में लोगों में परोक्ष रूप से घबराहट उत्पन्न हो गई है और इससे राज्य में कथित रूप से 11 व्यक्तियों की मौत हो गई है।