एलओसी पर घुसपैठ के लिए अब नए रास्तों का हो रहा चयन

By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 14, 2021 02:01 PM2021-09-14T14:01:55+5:302021-09-14T14:03:38+5:30

सेना सूत्रों के अनुसार,:‘आतंकियों ने नीतिआं बदली हैं। उनके द्वारा घुसपैठ के लिए अपनाए जा रहे नए रूट और गुटों में आतंकियों की संख्या कम करने की नीति जरूर चौंकाने वाली है।’

now new routes are being selected for infiltration jammu kashmir along the LoC | एलओसी पर घुसपैठ के लिए अब नए रास्तों का हो रहा चयन

एलओसी पर घुसपैठ के लिए अब नए रास्तों का हो रहा चयन

Highlightsपाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से बांटने वाली एलओसी पर पिछले साल 88 स्थानों पर 102 घुसपैठ हुए  इस साल 70 के करीब घुसपैठ के प्रयासों में दर्जनों आतंकी मारे भी गए

जम्मू। पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को इस ओर धकेलने के प्रयासों में आ रही तेजी से ही सिर्फ भारतीय सेना हैरान नहीं है बल्कि घुसपैठियों द्वारा अपनाई जा रही नई नीतिओं, अपनाए जा रहे नए रास्तों और साथ में लाए जाने वाले भारी भरकम हथियारों से वह परेशान व हैरान है।
जम्मू कश्मीर को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से बांटने वाली एलओसी पर पिछले साल 88 स्थानों पर हुए 102 तथा इस साल हुए 70 के करीब घुसपैठ के प्रयासों में हालांकि दर्जनों आतंकी मारे भी गए लेकिन इन प्रयासों ने भारतीय सेना के पांव तले से जमीन खिसका दी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घुसपैठियों ने इस बार नए रास्तों का चयन कर घुसपैठ के प्रयास किए थे।

सेना सूत्रों के अनुसार,:‘आतंकियों ने नीतिआं बदली हैं। उनके द्वारा घुसपैठ के लिए अपनाए जा रहे नए रूट और गुटों में आतंकियों की संख्या कम करने की नीति जरूर चौंकाने वाली है।’ असल में इन सेक्टरों में एक ही स्थान पर से बीस-पच्चीस आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास नहीं किया था बल्कि दो से तीन के गुटों ने अलग अलग सीमा चौकिओं का रास्ता ढूंढा था।

घुसपैठियों को पाक सेना ने त्रेहगाम, पीर पंजाल तथा केरन सेक्टर के जिन इलाकों से इस ओर धकेला था वहां पर तैनात सैनिकों के लिए परेशानी यह थी कि वे पहली बार घुसपैठ के प्रयास का सामना कर रहे थे। यही कारण था कि आतंकियों द्वारा किए गए हमले में कुछ जवानों की मौत हो गई थी। घुसपैइ के लिए पाक सेना अब राजौरी तथा पुंद के रास्तों का भी इस्तेमाल करने लगी है।

इसके पीछे की रणनीति अधिक से अधिक भारतीय सैनिकों को उलझाना था। वे इसमें कामयाब भी रहे थे। तभी तो बांडीपोरा के एलओसी से सटे जंगलों में पूरा एक हफ्ता घुसपैठ करने में कामयाब रहने वाले आतंकियों से मुकाबला होता रहा था। भारतीय जवानों के समक्ष मुश्किल यह आई थी कि एक तो आतंकियों ने दुर्गम क्षेत्रों का चुनाव किया था तो दूसरा वे बिखरे हुए थे जबकि एक नया बदलाव घुसपैठ में यह आया है कि आतंकी अब अपने साथ बड़े हथियार भी ला रहे हैं।

Web Title: now new routes are being selected for infiltration jammu kashmir along the LoC

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