कोविड-19 से ठीक होने के पांच दिन बाद उर्दू शायर आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी नहीं रहे

By भाषा | Published: June 12, 2020 09:31 PM2020-06-12T21:31:58+5:302020-06-12T21:31:58+5:30

स्वतंत्रता सेनानी और जाने-माने ‘इंकलाबी’ कवि देहलवी को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद एक जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Noted Urdu poet Anand Mohan Zutshi Gulzar Dehlvi passes away aged 93, days after recovering from COVID-19 | कोविड-19 से ठीक होने के पांच दिन बाद उर्दू शायर आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी नहीं रहे

गुलजार देहलवी को भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया है। (file photo)

Highlightsबेटे अनूप जुत्शी ने कहा, “सात जून को उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट दोबारा निगेटिव आयी जिसके बाद हम उन्हें घर वापस लाये। वह काफी बूढ़े थे और संक्रमण के कारण काफी कमजोर भी हो गए थे। डॉक्टरों का मानना है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा होगा।‘इंकलाबी’ कवि देहलवी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद एक जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

नई दिल्लीः कोविड-19 संक्रमण से उबरने के पांच दिन बाद वरिष्ठ उर्दू शायर आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी का शुक्रवार दोपहर को निधन हो गया। वह एक माह बाद आयु के 94 वर्ष पूरा करने वाले थे। उनका निधन नोएडा स्थित उनके आवास पर हुआ।

बीते सात जून को उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट दोबारा निगेटिव आयी थी जिसके बाद उन्हें घर वापस लाया गया। उनके बेटे अनूप जुत्शी ने कहा, “सात जून को उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट दोबारा निगेटिव आयी जिसके बाद हम उन्हें घर वापस लाये।

आज लगभग दोपहर ढाई बजे हमने खाना खाया और उसके बाद उनका निधन हो गया।” उन्होंने कहा, “वह काफी बूढ़े थे और संक्रमण के कारण काफी कमजोर भी हो गए थे। डॉक्टरों का मानना है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा होगा।”

स्वतंत्रता सेनानी और जाने-माने ‘इंकलाबी’ कवि देहलवी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद एक जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुरानी दिल्ली के गली कश्मीरियां में 1926 में जन्मे देहलवी भारत सरकार द्वारा 1975 में प्रकाशित पहली उर्दू विज्ञान पत्रिका ‘साइंस की दुनिया’ के संपादक भी रह चुके हैं।

गुलजार देहलवी को भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया है। 2009 में उन्हें मीर तकी मीर पुरस्कार भी दिया गया था. 2011 में उनकी रचना कुलियात-ए-गुल्ज़ार प्रकाशित हुई थी। पुरानी दिल्ली के गली कश्मीरियां में 1926 में जन्मे देहलवी भारत सरकार द्वारा 1975 में प्रकाशित पहली उर्दू विज्ञान पत्रिका ‘साइंस की दुनिया’ के संपादक भी रह चुके हैं।

 

Web Title: Noted Urdu poet Anand Mohan Zutshi Gulzar Dehlvi passes away aged 93, days after recovering from COVID-19

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